Singrauli News: मोरवा विस्थापन के प्रथमा अध्याय की समय सारिणी वायरल
एनसीएल ने पत्र को बताया फर्जी, चर्चाओं का बाजार गर्म

सिंगरौली। एनसीएल द्वारा जयंत परियोजना एवं दुधिचुआ विस्तार के लिए मोरवा विस्थापन की प्रक्रिया के तहत 9 फरवारी 2024 को धारा १ प्रभावशील होने के बाद अधिग्रहण के लिए मकानों की मापी बीते कुछ दिनों तक चल रही थी। इसी बीच गुरुवार को मोरवा शहर के लिए मुआवजा समय सारणी का प्रथमा अध्याय वायरल होने से एनसीएल के उच्थ अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है।
मोरवा विस्थापन जैसे समाधानशीत मामले में अभी तक व मुद्दों पा गोपनीयता बरकरार रखने के बावजूद एनसीएल के प्रशासर से पूर्व हो पत्र की समय सारणी अब हर किसी के मोबाइल पर पहुँच गया। जिसमें अब एनसीएल के अधिकारी वायरल समय सारणी के संबंध में कह रहे है कि इसकी बानकारी एनसीएल को नहीं है और यह पत्र फर्जी है। हालांकि विस्थापन मंयों के पदाधिकारियों की माने तो एससीएल 15 जुलाई को दिनी में खाका आयोजित बोर्ड अनुमोदन के लिए तैयार कर ले गये थे, जी बोर्ड में पास हुआ। उनके अनुसार यह पत्र दिल्ली में हो किसी अधिकारी द्वारा प्राए हुआ है। वायरल पत्र में 15 जुलाई को आर एंड आर का बोर्ड अनुमोदन के बाद समय सीमा और योजना में परिसंपत्ति मुआवजा का समय सारणी उलेख किया गया है। जिसमें पहले चरण में शामिल किए जाने वाले करी को अंतिम रूप 31 जुलाई तक वेलाईट पोर्टल एनसीएल पर मुआवजे के आंकड़ों का विवरण प्रकाशित करना और परियोजना प्रभावित परिवारों को एक अगस्त से 7 अगस्त तक मोबाइल फोन पर सूबा देना। शिकायत पोर्टल अगसत से 14 अगस्त तक 7 दिन खुला रहेगा। शिकायत का समाधान 16 अगस्त से 25 अगस्त तक पीएएफ से फीड बैंक के अनुसार दिन बढ़ाया जा सकता है। पीएएफ को 28 अगस्त से नोटिस वितरण, दस्तावेज सत्यापन क्षतिपूर्ति जैसे संग्रह एक सितम्बर से 15 सितम्बर तक तथा 27 सितम्बर से मुआषणा संवितरण करने का विवरण दिया गया है। विस्थापित मंचों के पदाधिकारियों का कहना है की एससीएल प्रबंधन भले ही इस समय सारणों को फर्जी बता रहे है, पांड आगामी दिनों में नियमित तिथि पर ही यह मोरवा विस्थापन की कार्यवाही पर आसा होंगे। उनके अनुसार एनसीएल प्रबंधन पुनर्वास स्थल के विषय में भी जानकारी नाहीं देकर विस्थापन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं ला रहा है। जिससे मोरवा की जनता में आक्रोश प्रम है।

इनका कहना है
मैरवा शहर के लिए मुआহলা समय सारणी कर प्रधमा अध्यय के वचारल यत्र के बारे में एनसीएल के संबंधित कार्यालय को नहीं है। पत्र कहा से किसके द्वारा जारी किया गया है. इसके बारे में कई जानकारी नहीं है। इसमें किसी का हस्ताक्षर नहीं है, यह पत्र पूरी तरह से फर्जी है।




