Shaktinagar News : कोयला प्रोजेक्टों में पहुंची जांच की आंच, बढ़ी बेचैनी एनसीएल में आउटसोर्सिंग कंपनी की मनमानी का मुद्दा गरम

शक्तिनगर । मंत्रालय से एनसीएल के कोयला प्रोजेक्टों में जांच की आंच पहुंचने से संबंधितों की बेचैनी बढ़ गई है। मामला आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा कोयला खदानों में खनन के लिए हैवी इक्यूपमेंटों एचईएम को बिना वैध प्रपत्रों के संचालन का है। आरोप है कि दूसरे राज्यों में पंजीकृत बड़ी मशीनों व उच्च भार वहन क्षमता के डंफरों को कायदों के उलट परिचालित कराया जा रहा है। खनन क्षेत्र में अरबों की मशीनों के परिचालन में कई स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला एविडेंस ने उठाया था।
शिकायत कोयला मंत्रालय पहुंचा। जहां जांच आर्थिक सलाहकार इकोनॉमी एडवाइजर कोल डॉ. मानिक चंद्र पंडित को सौपी गई। बीते 2 अप्रैल को मामले की जमीनी हकीकत की रिपोर्ट एनसीएल के कोयला प्रोजेक्टों से तलब की गई। इस मामले में एनसीएल खड़िया, अमलोरी व झिंगुरदह से एचईएम परिचालन से संबंधित जानकारी मांगी गई है। जांच कोयला क्षेत्रों में पहुंचने से संबंधितों की बेचैनी बढ़ गई है। एविडेंस के अध्यक्ष एके अंश ने बताया कि मौजूद आंकड़ों के मुताबिक कलिंगा कॉमर्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड की एनसीएल झिंगुरदह में करीब 100 उच्च भार परिवहन क्षमता के वाल्वो डंफर, उच्च क्षमता की 15 पोकलेन मशीनें, एक लोडर, तीन ग्रेडर, 6 डोजर व बसें संचालित है। इनमें से अधिकतर के परमिट व अन्य जरूरी कागज फेल हैं। इसी तरह एनसीएल अमलोरी कोयला क्षेत्र में 150 वाल्वो डंफर, 34 पीसी पोकलेन मशीनें, 3 ग्रेडर, 6 डोजर संचालित हैं। एनसीएल खड़िया कोयला क्षेत्र में भी फिलहाल करीब 50 वाल्वो डंफर, पांच पीसी मशीने, डोजर, ग्रेडर सहित अन्य इक्यूपमेंटों को नियोजित किया गया है।