Singrauli News: कोयले का सेम्पल, खनिज दफ्तर में बढ़ा रहा चार दिन शोभा
सोमवार को कलेक्टर के निर्देश पर खनिज, राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने गोंदवाली में मिलावटी कोयले का लिया था सेम्पल

सिंगरौली। पिछले दिनों सोमवार को गोंदवाली कोलयार्ड में कलेक्टर के निर्देश पर खनिज राजस्व, पुलिस एवं संयुक्त टीम ने कोयले का सेम्पल लिया था। आरोप लगाया जा रहा है कि कोलयार्ड में कोयले का मिलावट का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। लेकिन चार दिनों से खनिज दफ्तर में सेम्पल जांच के इंतजार में पड़ा है।
यहां बताते चले कि कोलयार्ड गोंदवाली में कोयले में छत्तीसगढ़ प्रांत के रामगढ़ से छाई एवं स्थानीय के्रसरों से भस्सी की मिलावट करनी की लगातार शिकायत मिल रही थी, यहां तक सोशल मीडिया में भी कोयले में मिक्सिंग का वीडियों जमकर वायरल हो रहा था। हालांकि पिछले एक महीने से इस तरह की शिकायते मिल रही थी, किंतु खनिज विभाग के जिम्मेदार अमला कुम्भकरणीय निंद्रा में था। मामला कलेक्टर के संज्ञान में आया। कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के निर्देश पर पिछले दिनों सोमवार को खनिज, राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम गोंदवाली कोलयार्ड पहुंच सेम्पल लेेते हुये सहायक खनिज अधिकारी अशोक मिश्रा ने मीडिया कर्मियों से कहा था कि उक्त सेम्पल जांच के लिए भेजा जाएगा। हैरानी की यह है कि चार दिनों बाद भी कोयले का सेम्पल जांच के लिए कहीं भी नही भेजा गया, बल्कि खनिज विभाग का शोभा बढ़ा रहा है। सहायक खनिज अधिकारी अशोक मिश्रा का कहना है कि दो-चार दिन बाद सेम्पल जांच के लिए जाएगा। उन्हें यह नही पता है कि यह सेम्पल जांच के लिए कहां भेजना है। जबकि सेम्पल एनसीएल के परियोजनाओं या जबलपुर में भेजकर जांच कराया जा सकता है। फिलहाल खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल व समेत अन्य अमले की कार्यप्रणाली पर भी ऊंगली उठने लगी है। चर्चाएं है कि कोयला कारोबारी खनिज दफ्तर का परिक्रमा लगाना शुरू कर दिये।
इन कोल कारोबारियों के नामों की चर्चाएं जोरो पर
कोलयार्ड गोंदवाली में कोयले का मिक्सिंग का कारोबार अभी से नही लम्बे अर्से से चल रहा है। इसमें रेलवे के कई कथित कर्मचारियों से लेकर कोल कारोबारियों के नामों की चर्चाएं इन दिनों लोगों के जुबा पर है। सोशल मीडिया पर भी कोल कारोबारी के चलते प्रशासन की भी किरकिरी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक जन चर्चा है कि कोयले में मिलावट के इस खेल में अघोर के प्रशांत जायसवाल, महाकाल बबलू सिंह, मॉ काली सहित मौरारका के नाम सामने आ रहे हैं। चर्चित कोल माफियाओं के राजनीतिक पकड़ के चलते जांच टीम कितनी ईमानदारी से करेगा, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। खनिज विभाग के जिम्मेदार भी इस मामले में हिलाहवाली करते नजर आ रहे हैं। मक्सद यह है कि मामला पुराना होने के बाद मामला शांत हो जाएगा। वहीं रेलवे गोंदवाली साईडिंग में रखा कोयला किसका है इस पर भी रहस्य बरकरार है।




