मध्य प्रदेश

Singrauli News: पिपरवान स्टील प्लांट पर रार, विरोध के स्वर तेज

एक सैकड़ा से ऊपर ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट, पिपरवान गांव में नही लगाने देेंगे स्टील प्लांट

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सिंगरौली। जिले के तहसील चितरंगी के ग्राम पंचायत बड़कुड़ के राजस्व ग्राम पिपरवान में स्टील प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। जिसके विरोध में आम जनता खुलकर सामने आ गई है। विरोध के स्वर अब कलेक्ट्रेट कार्यालय तक पहुंच चुका है। जहां सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण कलेक्टर के यहां पहुंच विरोध जताते हुये कहा है कि पिपरवान में स्टील प्लांट नही लगने देंगे।

कलेक्टर सिंगरौली को लिखित शिकायत देते हुये पिपरवान गांव के इन्द्रमणी बारी, प्रमोद बारी, प्रकाश यादव, नूरतिया देवी, लल्लू साकेत, बिहार साकेत, अमिल यादव, नितेश द्विवेदी, निरज दुबे, मुकेश जायसवाल, श्यामजी केवट, लालू बसोर सहित लगभग डेढ़ सैकड़ा के करीब ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंच कलेक्टर से फरियाद किया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को दिये पत्र में कहा है कि ग्राम पिपरवान अंधियारी टोला की शासकीय भूमि है। जिसको शासन के द्वारा स्टील प्लांट प्रदान की जा रही है। इस भूमि में हरिजन, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग के लोग तकरीबन 100 वर्षो से अपना मकान बनाकर जीवको पार्जन कर रहे हैं। उक्त जमीन रिजर्व फॉरेस्ट से लगा हुआ है। जहां स्टील प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में सुरक्षित जंगल को भी हानि होगी। पिपरवान के लोगों के पास आय का साधन खेती के अलावा कुछ नही है। खेती से ही अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। शासन को कई बार हरिजन, आदिवासी पट्टा दिये जाने के लिए आवेदन कर चुके हैं। इसके बावजूद आज तक पट्टा नही दिया गया। इस गांव में गरीब परिवार के लोग रहते हैं, यदि शासन के द्वारा जमीन को स्टील प्लांट को प्रदान कर दिया जाएगा तो हजारों लोग प्रभावित होंगे। डेढ़ सैकड़ा के करीब कलेक्ट्रेट पहुंच ग्रामीण ने कलेक्टर से फरियाद करते हुये कहा कि ग्राम पिपरवान तहसील चितरंगी में जितने भी आदिवासी व हरिजन एवं पिछड़ा वर्ग भूमिहीन हैं। शासन द्वारा उनका सर्वे कराकर गरीबो को पट्टा दिलाया जाये और पिपरवान में स्टील प्लांट लगाये जाने की कार्रवाई पूरी तरीके से बंद कराई जाये।

सरपंच भी ग्रामीणों के समर्थन में

ग्राम पंचायत क्षेत्र बड़कुड़ की सरपंच पूनम द्विवेदी ने कलेक्टर को पत्र देकर मांग किया है कि तहसील चितरंगी के ग्राम पिपरवान की म.प्र. शासन की भूमि को शासन के द्वारा स्टील प्लांट के लिए आरक्षित किया जा रहा है। जिसकी सूचना आज तक ग्राम पंचायत को नही दी गई। राजस्व विभाग का अमला बिना सरपंच व सचिव को बताये पिपरवान के लोगों को परेशान कर रहा है। पिपरवान में 100 वर्षो से आदिवासी, हरिजन व पिछड़ा वर्ग शासन के जमीन पर घर बनाकर रह रहे हैं, इन लोगों के पास इस जमीन के अलावा अन्य कोई जमीन नही हैं। जिस जमीन पर काबिज हैं, उस जमीन का सर्वे कराकर उसका पट्टा गरीबो को दिलाया जाये। ग्राम पंचायत से ग्रामसभा का प्रस्ताव लिये बिना अगर स्टील प्लांट लगाया जाता है तो पूरे पंचायत के लोग धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे।

अगर स्टील प्लांट लगा तो, उजड़ जाएगा जंगल

चितरंगी तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत बड़कुड़ के राजस्व ग्राम पिपरवान में स्टील प्लांट की तैयारी चल रही है। बताया जाता है कि शासन स्तर से तैयारियां चल रही है। गांव क्षेत्र में स्टील प्लांट को लेकर ग्रामीण इस बात को लेकर दहशत में हैं कि अगर कंपनी आई तो घरों को उजाड़ देगी और जंगल भी काटे जाएंगे। ऐसे में पर्यावरण की काफी क्षति की जाएगी। यही वजह है कि ग्रामीण जनता कलेक्टर से फरियाद कर रोक लगाने की पूरजोर मांग कर रही है। हकीकत तो है, अगर स्टील प्लांट लगता है तो पिपरवान, शेरवा में पर्याप्त जंगल है, जो क्षेत्र के वातावरण को प्रदूषित होने से बचा रहा है। इसके अलावा हरे-भरे जंगल से यह क्षेत्र सुसोभित हो रहा है। अगर स्टील प्लांट लगा तो पिपरवान सहित आसपास क्षेत्र में जो जंगल है, उजड़ जाएगा। यही वजह है कि विरोध के स्वर तेज हो गये हैं।

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