मध्य प्रदेश

Singrauli News : एक बार फिर भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रभारी मंत्री ने किया निराश

एनसीएल गेस्टहाउस में आज भाजपा के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों से मिलकर चर्चा करने के लिए समय था आरक्षित

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सिंगरौली । जिले के प्रभारी मंत्री संपतिया उईके ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों से को निराश की हैं। प्रभारी मंत्री के इस कार्य व्यवहार से भाजपा कार्यकर्ता दबी जुबान में जगह-जगह चर्चाएं करते हुये नाराजगी जाहिर करने लगे हैं।

गौरतलब हो कि लोक स्वास्थ यंात्रिकी विभाग मंत्री म.प्र. शासन व जिले के प्रभारी मंत्री संपतिया उईके का जिले में तीन दिवसीय दौरा कार्यक्रम तय हुआ था। प्रभारी मंत्री का जिले में आगमन 1 अप्रैल को हुआ था। जहां प्रवेश उत्सव समेत विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुई और इसके बाद दूसरे दिन 2 अप्रैल को भी प्रभारी मंत्री का जिले में व्यस्ततम कार्यक्रम रहा और शाम ढलते ही मंत्री मण्डला के लिए वापस हो गई। जबकि प्रभारी मंत्री का अधिकृत रूप से जारी कार्यक्रम के अनुसार आज 3 अप्रैल को 11 बजे दिन एनसीएल मोरवा में भाजपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों के साथ भेंट एवं चर्चा करने के लिए करीब 1 घंटे का समय आरक्षित था। किन्तु प्रभारी मंत्री एक दिन पहले ही अचानक वापस हो गई।

जबकि भाजपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी इस बात के लिए उत्साहित थे कि प्रभारी मंत्री से चर्चाएं व मुलाकात कर जान पहचान करते हुये क्षेत्र की समस्याओं से वाकिफ कराया जाएगा। लेकिन भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को प्रभारी मंत्री ने एक बार फिर से निराश किया है। फरवरी महीने में प्रभारी मंत्री का आगम हुआ था। उसमें भी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने का समय फिक्स था। लेकिन प्रभारी मंत्री पिछले बार भी भाजपा कार्यकर्ताओं से भेंट नही कर पाई थी। जिसके कारण पिछले बार भाजपा कार्यकर्ताओं ने घोर नाराजगी व्यक्त करते हुये इसकी शिकायत भोपाल तक पहुंचाया गया था।

वही एक बार फिर से भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने समय आरक्षित होने के बावजूद अचानक मण्डला वापस हो जाना, भाजपा कार्यकर्ताओं में ही चर्चा का विषय बना हुआ है। इधर प्रभारी मंत्री बीते दिन कल भाजपा जिला प्रबंध समिति की बैठक में जरूर शामिल हुई थी। बैठक में जिला अध्यक्ष, महामंत्री के अलावा प्रदेश कार्य समिति सदस्य, वर्तमान एवं पूर्व विधायक, सीड़ा अध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष व ननि अध्यक्ष शामिल हुये थे। बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। वही सूत्र बता रहे हैं कि प्रभारी मंत्री ने यह भी कहा है कि तीन साल के अधिक समय से एक ही जगह पदस्थ पटवारियों को तबादला किया जाना है। प्रभारी मंत्री की उक्त बातें लोगों के गले से नही उतर रही हैं। अब इस बात को लेकर भाजपा में ही तरह-तरह की चर्चा की जाने लगी हैं।

जिले का भू-अर्जन बना है सिर दर्द

प्रभारी के आगमन को सुन आमजन भी खुश हुये थे कि इस बार उनसे मुलाकात कर जिले के भू-अर्जन के मामले में पूरे वस्तु-स्थिति से अवगत कराया जाएगा। ताकि विस्थापित होने वाले परिवार के साथ अन्याय न होने पाये। मोरवा सबसे बड़ा विस्थापन होने वाला है। यहां करीब 50 हजार लोगों के विस्थापित होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि प्रदेश का सबसे बड़ा विस्थापन मोरवा ही होगा। आरोप है कि एनसीएल अमला अभी तक यह नही तय कर पाया है कि विस्थापितों को किस मापदण्ड से और कितना मुआवजा दिया जाएगा। यह विवाद अभी तक सुलझ नही पाया है। वही जिले में प्रभारी मंत्री का आगमन होना और विस्थापित होने वाले परिवार जनों से मुलाकात न करना कहीं न कहीं उनके कार्यप्रणाली पर सवाल उठेगा। हालांकि म.प्र. शासन की भूमि पर काबिज लोगों ने प्रभारी मंत्री को ज्ञापन जरूर सौपा था। लेकिन उसमे वृहद चर्चा नही हो पाई थी।

एक बार भी कार्यकर्ताओं के साथ नही हुई परिचायत्मक बैठक

अभी तक भाजपा में परंपरा यही रही कि जिले के पालक मंत्री सबसे पहले जिले में भ्रमण के दौरान कार्यकर्ताओं के साथ मेल-मुलाकात एवं उनसे परिचय जरूर करते थे और वरिष्ठ नेता व पदाधिकारियों से अलग से मुलाकात कर उनकी समस्याओं व कुशलक्षेम जरूर पूछते थे। लेकिन धीरे-धीरे यह परंपरा समाप्त होती जा रही है। करीब 8 महीने पूर्व पीएचई मंत्री संपतिया उईके को जिले का पालक मंत्री के रूप में बागडोर सौपी गई है और करीब पॉच बार जिले का दौरा कार्यक्रम भी हो गया है। हालांकि दो बार उनका दौरा कार्यक्रम संक्षिप्त था। दो घटनाओं के चलते उनका अचानक दौरा कार्यक्रम बना था। लेकिन अन्य दौरा कार्यक्रम वृहद था। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने नाम न छापने के शर्त पर कहा है कि अब धीरे-धीरे कार्यकर्ताओं से मेल-मुलाकात की परंपरा समाप्त होती जा रही है। यह चिंता का विषय है।

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