Singrauli News : छात्रावास प्रवेश द्वार के सामने धधक रहे हैं ईट के भट्ठे
कोतवाली थाना क्षेत्र में अवैध भट्ठे की भरमार, खप रहा अवैध कोयला, प्रदूषण नियंत्रण भी अंजान

सिंगरौली । जिला मुख्यालय से समीपी देवरा छात्रावास के प्रवेश द्वार के ठीक सामने एक-दो नही, बल्कि आधा दर्जन से अधिक अवैध ईट के भट्ठे संचालित हैं। जबकि जिले में लाल ईट भट्ठे को करीब 8 साल पूर्व से ही प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद देवरा में धड़ल्ले के साथ ईट भट्ठे का कारोबार चल रहा है। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व, खनिज और पुलिस विभाग पर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि नगर निगम क्षेत्र वार्ड क्रमांक 29 देवरा के अजा सीनियर बालक एवं बालिका छात्रावास क्र. 1 सहित यहां तीन छात्रावास हैं। छात्रावास एवं जिला मुख्यालय की दूरी महज 2-3 किलोमीटर के बीच है। आलम यह है कि छात्रावास भवन के मुख्य प्रवेश द्वारा के ठीक सामने धड़ल्ले के साथ ईट के भट्ठे संचालित हैं। यह ईट का भट्ठे अवैध है। ऐसा बताया जा रहा है। जबकि जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 में तत्कालीन जिला प्रशासन ने ईट भट्ठे के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बताया जा रहा है कि सत्ता से जुड़े लोग अवैध रूप से कब्जा कर काचन नदी से लगी इस जमीन पर सालों से ईंट बनाने का कारोबार कर रहे हैं। डर और भय के कारण वार्ड के लोग इनके विरोध में खड़े नहीं हो पाते। यहां तक कोई भी खुलकर शिकायत करने से डरता है। उक्त ईट भट्ठे से हॉस्टल के छात्र-छात्राएं धुआं व लपटो से परेशान रहते हैं। पुलिस, राजस्व, खनिज एवं प्रदूषण नियंत्रण अमला जानते हुये भी अंजान बना हुआ है। फिलहाल यहां के कई छात्रों ने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया है। दफ्तर में बैठकर प्रदूषण कम करने के दावा कर रहा है।
प्रतिबंध के बाद भी धधक रहें ईंटा भट्ठे
फ्लाईऐश के अधिक से अधिक उपयोग की नीति लागू है। फ्लाईऐश की ईंट के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा। जिससे ऐश की मांग बढ़ेगी और फ्लाईऐश से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिले। लेकिन शहरी क्षेत्र का हाल यह है कि यहां ईटा भट्ठे धधक रहे हैं। भट्ठे में ईंट को पकाने के लिए हरे भरे पेड़ की कटाई आम बात है। इसके साथ ही कोयले का उपयोग करते हैं। इससे जहरीली गैस और डस्ट निकलते है। इसके कारण छात्रावास के छात्रों को स्वांस संबंधी समस्या आती है। इन्ही कारण से कभी-कभी तो छात्रावास परिसर से निकलना मुश्किल हो जाता है। छतों में खाने का सामान और कपड़े सूखा नहीं सकते हैं।
साइकिल और बाइक से पहुंच रहा कोयला
आरोप है कि एनसीएल की खदानों से साइकिल और मोटरसाइकिल से खुलेआम कोयला बोरों में भरकर ईटा भट्ठे में पहुंचाया जा रहा है। तीन सौ रुपये से लेकर चार सौ रुपये प्रति बोरे की दर से कोयला खरीदा जा रहा है। अवैध कोयला ले जाते कोतवाली पुलिस भी देखती है, लेकिन सुविधा शुल्क लेकर कोयला चोरों के खिलाफ पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है।
इनका कहना:-
इसके लिए कल दिन सोमवार को टीम स्थल का निरीक्षण करने भेजा जाएगा और यदि आरोप सही पाये गये तो संबंधित जनों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चन्द्रशेखर शुक्ला
कलेक्टर, सिंगरौली