इस साल Holi पर लगेगा चंद्र ग्रहण जानें क्या होगा इसका प्रभाव

14 मार्च 2025 के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह 14 मार्च को सुबह 9 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है. लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर शाम के समय होलिका दहन किया जाता है, जबकि अगले दिन होली खेलने की परंपरा है. इस बार 13 मार्च 2025 को होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च को पूरे हर्षोल्लास के साथ होली मनाई जाएगी. कहते हैं कि होली रिश्तों में प्रेम और एकता को बढ़ाने का अवसर है. इस दिन हर व्यक्ति होली के रंग में रंग कर सभी गिले शिकवे को दूर करता है. भारत में इस पर्व की विशेष रौनक मथुरा-वृंदावन में देखने को मिलती हैं. यहां लठमार होली, फूलों की होली व रंग-गुलाल समेत कई अन्य तरीकों से होली का पर्व मनाया जाता है. लेकिन इस बार होली पर चंद्र ग्रहण का साया बना हुआ है.
अब सवाल यह है कि क्या होली पर इसका प्रभाव होग, बता दें 14 मार्च 2025 के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह 14 मार्च को सुबह ९ बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है. लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. दरअसल, यह चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के अधिकांश भाग, अफ्रीका के बड़े हिस्से, प्रशांत, अटलांटिक और आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया तथा अंटार्कटिका में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा. हालांकि, भारत में इस ग्रहण का दृश्य रूप से अवलोकन संभव नहीं होगा, क्योंकि यह भारतीय समय अनुसार दिन में घटित होगा, जब चंद्रमा आकाश में दृष्टिगोचर नहीं होगा. ज्योतिषियों की मानें ग्रहण की अवधि में चंद्रमा कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में मौजूद होंगे, इस दौरान कन्या राशि में पहले से ही केतु भी विराजमान रहेंगे. ऐसे में दो ग्रहों की युति होगी, जिससे ग्रहण योग बन रहा है. ऐसे में मिथुन, सिंह और तुला राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इन जातकों को करियर, नौकरी व व्यापार
में तनाव का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के एक सीधी रेखा में आने पर घटती है. बता दें सूर्य और चंद्रमा के बीच में होने की वजह से पृथ्वी को छाया चंद्रमा पर पड़ती है. इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. यह तीन प्रकार के होते हैं जिनका नाम है आंशिक चंद्र ग्रहण, पूर्ण चंद्र ग्रहण और उपन्छाया चंद्र ग्रहण,