Singrauli News: मोरवा विस्थापन की समस्याओं को लेकर नेताओं के प्रति बढ़ रही नाराजगी
एनसीएल की जयंत एवं दुद्धिचुआ परियोजना के विस्तार के लिए अधिग्रहण करने की तैयारी

सिंगरौली । जिले के मोरवा क्षेत्र के कई वार्ड एनसीएल की जयंत एवं दुद्धिचुआ परियोजना के विस्तार के लिए अधिग्रहण किए जा रहा हैं।
यहाँ विस्थापितों का आरोप है कि एनसीएल दोहरी नीति अपनाकर विस्थापन करने में लगा है। इसके पूर्व खदान के विस्तार के लिए वार्ड क्रमांक 10 के अधिग्रहण में पट्टेधारकों के बराबर ही सरकारी भूमि एवं एग्रीमेंट व वन भूमि पर बने हुए मकानों का मुआवजा वितरण कर संपूर्ण विस्थापन का लाभ दिया गया था। लेकिन इस बार के विस्थापन में शासकीय भूमि पर बसे लोगों के ज्यादा संख्या देख एनसीएल प्रबंधन दोहरी नीति अपनाना चाह रहा है। इसे लेकर विस्थापितों में काफी नाराजगी देखी जा रही है।
लोगों की नाराजगी जनप्रतिनिधियों से भी है। विस्थापितों का आरोप है कि मोरवा के 50 हजार लोग बेघर होने जा रहे हैं, लेकिन मोरवा को वोट बैंक समझकर वोट मांगने वाले यहां के जनप्रतिनिधि उनके हक और अधिकार के लिए कभी जनता के बीच में नहीं आए। विस्थापितों का कहना है कि सिंगरौली पूर्व विधायक रामलल्लू बैस विस्थापन की समस्या को लेकर अपनी ही सरकार में धरना प्रदर्शन कर विस्थापितों को उचित मुआवजा दिलाने का कार्य किया था, लेकिन अन्य जनप्रतिनिधियों ने कुछ भी नही किया।
बल्कि झूठी वाहवाही लेने का प्रयास किया। विस्थापितों का मानना है कि अगर सांसद एवं सिंगरौली विधायक इस विस्थापन की समस्या को लेकर प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार में जाकर नीती संगत विस्थापन का लाभ दिलाने का बात करें तो विस्थापितों को उचित मुआवजा मिल सकता है। इन विस्थापितों को अपना आशियाना उजड़ने का डर सता रहा है। उनका कहना है कि काफी दिनों से मोरवा शहर में रहकर अपना जीवन यापन किया, लेकिन अब जब कड़ी मेहनत के बाद कमाए हुए पैसों से अपना आशियाना बनाकर गुजर बसर कर रहे थे, लेकिन वह भी उजड़ने के कगार पर है।