Singrauli News: महामंत्री ने अपने ही पार्टी के नेता के खिलाफ खोला मोर्चा
शहर से लेकर ग्रामीण में कांग्रेस पार्टी में ही अंतर्द्वद शुरू, दो धड़ों में बटे कार्यकर्ता, पार्टी की किरकिरी शुरू

सिंगरौली। कांग्रेस पार्टी में इन दिनों जमकर आपस में ही खीचातानी शुरू है। शहर एवं जिलाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता अपने ही नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीण का अध्यक्ष बनने के रेस में शामिल अशोक सिंह पैगाम पर दल-बदल नेता बता कर जिला महामंत्री सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर जिले में एआईसीसी ऑब्जर्वर सांसद सप्तगिरि शंकर उल्का और म.प्र. कांग्रेस कमेटी सांसद ओमकार मरकाम और संगठन प्रभारी कविता पाण्डेय सिंगरौली पहुंचे थे। तीनों विधानसभा क्षेत्र में पहुंच अध्यक्ष बनने के रेस में शामिल दावेदारों का फीडबैक ले रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने जिलाध्यक्ष बनने के लिए करीब डेढ़ दर्जन से अधिक दावेदारों ने अपना-अपना बॉयोडाटा ऑब्जर्वर के यहां प्रस्तुत कर दावेदारी की है। इन दावेदारों में शहर से लेकर ग्रामीण में कांग्रेस पार्टी इस बार जाति हिसाब से ज्यादा फोकस कर रही है। शहर एवं ग्रामीण अंचल में किस जाति का ज्यादा जनसंख्या है, ऐसे वर्ग के दावेदारों को ज्यादा तरजीह लग रही है। हालांकि यह भी अटकल बाजी है।
लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी भी भाजपा के तर्ज पर ही संगठन को मजबूत बनाने दाव चल रही है। लेकिन अब कांग्रेस पार्टी में ही एक-दूसरे के खिलाफ नेता ही मोर्चा खोल दिये हैं। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के जिला महामंत्री बालमुकुन्द सिंह परिहार ने कांग्रेस पार्टी के नेता एवं जिला पंचायत सदस्य अशोक सिंह पैगाम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
यहां बताते चले कि ग्रामीण में अशोक सिंह पैगाम अध्यक्ष के रेस में हैं और इनका पड़रा मजबूत बताया जा रहा है। श्री सिंह सोशल मीडिया के सहारे अशोक सिंह पैगाम पर हमलावर हैं। आज उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुये कहा है कि जो व्यक्ति कांग्रेस पार्टी के विरोध में गोंगपा चुनाव लड़कर खुद नही जीता, बीजेपी में भी रहे, अभी दो साल कांग्रेस पार्टी में आये हुया है, ऐसे व्यक्ति को सिंगरौली ग्रामीण कांग्रेस संगठन की कमान देने का प्रयास है। हालांकि उन्होंने नाम नही लिखा है, लेकिन इशारा अशोक पैगाम तरफ है। फिलहाल कांग्रेस पार्टी में जिलाध्यक्ष पद के चयन को लेकर दावेदारों का फीडबैक ऑब्जर्वर ले रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में मची खीचातानी एवं अंतद्वंद से नेताओं की किरकिरी भी शुरू है। सोशल मीडिया में लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
शहर में ब्राम्हण या ओबीसी को मिल सकती है तरजीह
शहर में कांग्रेस पार्टी कमजोर हुई है। इसको नकारा नही जा सकता। भाजपा में ब्राम्हण से लेकर ओबीसी की कई बड़े चेहरे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी में इसका अभाव है। उसके पीछे कहीं न कहीं पार्टी शीर्ष नेतृत्व ही दोषी है। ऐसा लोगबाग चर्चाएं करते हैं। अभी तक पिछले पाँच वर्षों से जिलाध्यक्ष का कमान अरविन्द सिंह के पास है। अब संभावना है कि शहर में कांग्रेस पार्टी किसी ब्राम्हण या ओबीसी नेता पर दाव खेल सकती है। हालांकि ओबीसी का निर्विवादित कोई बड़ा चेहरा नहीं है।