जबलपुर के बगदरी फॉल से सटे घने जंगल में बकरी चराने गए युवक की रस्सी से हाथ-पैर बंधी लाश मिली है। जिसके बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई. वहीं मौके से बकरियां भी गायब हैं और बकरियों को बांधने वाली रस्सी से युवक के हाथ पैर बंधे मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों ने बकरियां चोरी करने के बाद युवक की हत्या कर दी. सूचना पर पहुंची एफएसएल और डॉग स्क्वाड की टीम के साथ स्थानीय पुलिस पूरी घटना की जांच कर रही है। फिलहाल पीएम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
मृतक की पहचान जबलपुर के पाटन थाना क्षेत्र के हरदुआ गांव के रहने बाले 55 साल के रघुनाथ मरावी के रूप में हुई है। वह शुक्रवार को अपनी बकरियों को चराने के लिए बगदरी के जंगलों में गया था। देर रात तक जब रघुनाथ घर नहीं लौटा तो उसके परिजनों ने तलाश शुरू की। आसपास ढूंढ़ने के बाद परिजन शनिवार को सुबह जंगल की ओर तलाशी के लिए निकले। जंगल में एक पेड़ के पास रघुनाथ की लाश मिली।
शव के हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे जिससे यह साफ हो गया कि उसकी हत्या की गई है। इस घटना से गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया। परिजनों के अनुसार रघुनाथ की हत्या के बाद उसकी बकरियां भी गायब थीं, जिससे उन्होंने बकरी चोरों पर हत्या का संदेह जताया है।
पुलिस ने साक्ष्य जुटाए
घटना की सूचना मिलते ही पाटन पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) और डॉग स्क्वायड टीम भी मौके पर पहुंची। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने पूरे इलाके की तलाशी ली और सुराग जुटाने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हत्या के कारणों की जांच की जा रही है और जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।
पुलिस बकरी चोरों की तलाश कर रही है
परिजनों का कहना है कि रघुनाथ की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. परिवार का मानना है कि उसकी हत्या बकरी चोरी में शामिल लोगों ने की है. इससे पहले भी कई बार जंगलों से बकरियां चोरी हो चुकी हैं और कई लोगों को बकरियां चुराने के आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है. एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि पाटन पुलिस की एक टीम जांच कर रही है. इससे पहले बकरी चोरी के आरोप में गिरफ्तार किये गये लोगों की भी पुलिस कुंडली खंगाल रही है। कितने चोर अभी भी जेल में हैं और कितने बाहर हैं, इसका पता लगाया जा रहा है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।