मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में अब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया हुई आसान, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर का शुभारंभ

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सम्पदा 2.0 ; मध्य प्रदेश में अब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान होगी। प्रॉपर्टी से जुड़े काम के लिए आपको ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ईज ऑफ लिविंग’ के लक्ष्य को पूरा करने और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार डॉ. मोहन यादव आज ‘सम्पदा 2.0’ लॉन्च कर रही है। नागरिकों का ई-पंजीकरण और ‘ई-स्टांपिंग’ शुरू की जा रही है।

मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर का शुभारंभ करेंगे यह संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य में रजिस्ट्री के नये नियम लागू किये गये हैं। इस उन्नत सॉफ्टवेयर का पायलट प्रोजेक्ट क्रियान्वयन गुना, हरदा, डिंडोरी और रतलाम जिलों में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। आज इसे प्रदेश के 55 जिलों में लागू किया जाएगा।

e-KYC के जरिए सम्पदा 2.0 की पहचान की जाएगी

सम्पदा 2.0 ई-केवाईसी के माध्यम से पहचान को सक्षम करेगा। इसकी विशेषताओं में संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग, बायोमेट्रिक पहचान और दस्तावेजों का स्वचालित प्रारूपण शामिल है। इस प्रणाली में दस्तावेजों का निष्पादन ई-हस्ताक्षर एवं डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से किया जायेगा, जिससे गवाहों को लाने की आवश्यकता समाप्त हो जायेगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए उप-रजिस्ट्रार के कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीकरण अधिकारी के साथ संचार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा और कई मामलों में किसी बातचीत की आवश्यकता नहीं होगी। व्यक्तियों की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी भी प्रदान की जाती है।

दस्तावेज़ का निष्पादन ई-साइन और डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से किया जाएगा

पंजीयन हेतु दस्तावेज का निष्पादन ई-साइन एवं डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से किया जायेगा। दस्तावेजों की ई-प्रतियां डिजी लॉकर, व्हाट्सएप और ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध हैं। ई-स्टांप बनाने की भी सुविधा होगी। संपत्ति खोज प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है।

सम्पदा 2.0 – विशिष्ट मोबाइल ऐप

संपदा 2.0 विशेष मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है। इस नवाचार से न केवल आम जनता को लाभ होगा बल्कि ई-गवर्नेंस के मामले में मध्य प्रदेश को अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद मिलेगी। यह पहल साइबर तहसीलों और डिजिटल प्रक्रियाओं के माध्यम से राज्य के राजस्व के सुचारू संग्रह की सुविधा प्रदान करेगी।

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