मध्य प्रदेश

MP News : 200 किसानों की जमीन पर आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट घोषित, नहीं कर सकेंगे जमीन की खरीद-फरोख्त

Join WhatsApp group

Dewas News : देवास विकास प्राधिकरण ने एक अनोखा कारनामा कर दिखाया है। बिना कोई जानकारी दिए करीब 200 किसानों की जमीन पर आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट घोषित कर दिए गए। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ, बल्कि प्राधिकरण ने पिछले महीने बोर्ड बैठक में योजना प्रस्ताव पेश किया और कुछ ही दिनों में इसे शहरों और क्षेत्रों में निवेश पर कानून के अनुच्छेद 50 की उपधारा 1 के तहत राजपत्र में प्रकाशित किया गया।

इसके चलते इस क्षेत्र की करीब 104 हेक्टेयर जमीन की खरीद-बिक्री अब नहीं हो सकेगी। अब जब किसानों को पता चला तो वे हैरान हैं। बिना सहमति के अपनी जमीनें जाते देख किसानों ने प्राधिकरण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा

अधिकारियों की योजना पहले किसानों की जमीनें जब्त करने की है, लेकिन अगर वे नहीं माने तो उनका अधिग्रहण कर लिया जाएगा। पिछले माह कलेक्टर एवं देवास विकास प्राधिकरण अध्यक्ष ऋषव गुप्ता की अध्यक्षता में प्राधिकरण की बोर्ड बैठक हुई थी।

निर्णय लिया गया कि देवास के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में शंकरगढ़ और देवास सीनियर (रियासत के पटवारी हल्के के नाम पर) की भूमि पर इंदौर-भोपाल बायपास और मुख्य सड़क क्रमांक 1 के समानांतर एक माध्यमिक सड़क का निर्माण किया जाएगा।

जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का फैसला

इसके लिए करीब 104 हेक्टेयर भूमि पर जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया. यहां एक नई योजना को भी मंजूरी दी गई, जिसमें 24 मीटर की एक माध्यमिक सड़क, 30 मीटर की एक मुख्य सड़क संख्या 1 और 18 मीटर चौड़े राजमार्ग की परिकल्पना की गई थी।

इस योजना में 231 एकड़ जमीन शामिल है, जिसमें कुछ सरकारी जमीन के अलावा श्री विट्ठल मंदिर, जिम्नेश्वर महादेव और श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम की जमीन भी शामिल है. हाल ही में 30 अगस्त को सरकारी गजट में इस आशय का आदेश प्रकाशित किया गया.

मुझे अखबार में छपी खबर से पता चला

किसानों को इस योजना की जानकारी तक नहीं थी. उन्हें तब पता चला जब 3 सितंबर को एक स्थानीय समाचार पत्र में योजना की घोषणा करने वाला एक नोटिस प्रकाशित हुआ। किसानों ने यह जानकारी इंटरनेट के माध्यम से भी प्राप्त की।

इसके बाद वह परेशान हो गये। इसके अंत में प्रकाशित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति इस सूचना के राजपत्र में प्रकाशन की दिनांक से स्कीम में शामिल किए गए क्षेत्र के भीतर किसी प्रकार की भूमि का उपयोग या भवन में परिवर्तन या कोई भी विकास, संचालक नगर तथा ग्राम निवेश की अनुमति के नहीं करेगा।

इस जानकारी से किसान भड़क गए और कलेक्टर कार्यालय जाकर प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अभिषेक शर्मा से शिकायत की। जानकारी के मुताबिक, अधिकारी किसानों से उनकी जमीन इस तरह जब्त करने को तैयार हैं जैसे वह जमीन हो। इसके तहत किसानों को उनकी आधी जमीन विकसित कर सौंपी जाएगी।

आगे पढ़ें

यह भी खास है ! पढिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *