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Holika Dahan पर रहेगा भद्रा का साया

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होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है, जो कि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. होलिका दहन को छोटी होली के नाम से जाना जाता है. इस साल होलिका दहन 13 मार्च 2025 को किया जाएगी. लेकिन इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया रहने वाला है, जिसके कारण होली जलाने का शुभ मुहूर्त देर रात से मिल पाएगा.

होलिका दहन के लिए कितना समय मिलने वाला है और भद्राकाल कब समाप्त होगा. हिंदू धर्म में भद्राकाल को अशुभ समय माना गया है। होलिका दहन के दिन यानी 13 मार्च को भद्रा सुबह 10 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर रात 11 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. भद्रा के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. ऐसे में भद्रा खत्म होने के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा.

भद्रा पूंछ 13 मार्च को शाम 6:57 मिनट से रात 8:14 मिनट तक रहेगा. वहीं, भद्रा मुख रात 8:14 मिनट से रात 10:22 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन किया जा सकता है, लेकिन भद्रा मुख में होलिका दहन नहीं करना चाहिए. फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस पूर्णिमा तिथि का समापन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा.

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