Singrauli News: दीनदयाल रसोइयां के घर में हुई चिकन पार्टी
हिन्दू जागरण मंच के संयोजक ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, निरस्त कराने की मांग

सिंगरौली। जयंत बस स्टैंड के करीब संचालित पंडित दीनदयाल रसोई घर में चिकन और अण्डा बनाकर पार्टी हो रही हैं। संचालक आए दिन रसोई घर में चिकन और अंडा करी बनाकर लोगों के धर्म के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। चर्चा यह भी है कि यह सब अधिकारियों को बखूबी पता हैं। लेकिन संचालक से आर्थिक लाभ मिलने के कारण आंखें बंद किए हुए हैं। वही हिन्दू जागरण मंच के संयोजक ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपते हुए कार्यवाही कर निरस्त कराने की मांग की है।
गौरतलब है कि पूर्व की शिवराज सरकार ने पंडित दीनदयाल रसोई की शुरुआत मजदूर गरीब और बेसहारा लोगों को मात्र 5 रूपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराने के लिए योजना की शुरुआत की लेकिन अब यहां जिम्मेदार सरकार की योजनाओं पर पानी फेर रहे हैं और अय्याशी का अड्डा बना लिए हैं रसोई घर में आए दिन चिकन और अंडा करी बनाकर पार्टी की जा रही है। चर्चा तो यह भी है कि वहां दिन ढलते ही मयखाना सज जाता है और यहा देर रात तक सिलसिला चलता रहता है। इस पार्टी में नगर निगम के एक अधिकारी और एनसीएल के कई कर्मचारी सहित संचालक शामिल रहते हैं। पार्टी में कई ऐसे अराजक तत्व शामिल होते हैं जिसकी शिकायत वहां के स्थानीय लोग करने से डरते हैं अब वीडियो वायरल होने के बाद देखना होगा कि जिम्मेदार संचालक के खिलाफ क्या कार्यवाही करते हैं।
चिकन और अण्डा करी की होती है पार्टी
पांच रुपए में गरीबों,मजदूर और जरूरतमंदों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराने वाली रसोई घर में मटन और अंडा करी बन रहा है। कहने को तो रसोई संचालित करने वाले संचालक आर्थिक अनुदान नहीं मिलने का रोना रोते हैं लेकिन यहां चिकन और अंडा करी उनके घड़ियाल आंसुओं की पोल खोल रही है। जरूरतमंदों को जहां पतली दाल और पानी वाली सब्जी परोसी जा रही है तो वहीं संचालक समाज सेवा का चोला पहन चिकन और अंडा करी छान रहे हैं। रसोई संचालक और नगर निगम प्रशासन सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रहें हैं।
औपचारिकता के बीच संचालित है दीनदयाल रसोई
बताया जा रहा है की महज औपचारिकता के बीच दीनदयाल रसोई संचालित है। यहां दिखावे के लिए रसोई में खाना चंद लोगों के लिए बनाया जाता है ताकि औद्योगिक घरानों सहित समाज सेवियों से चंदा इक_ा किया जा सके। संचालक इस योजना को कमाई का जरिया बना लिया है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि 40 से 50 लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता हैं। यहां पहले आओ और पहले पाओ वाली स्कीम है जो पहले आ गया उसे भोजन मिल जाता है लेकिन जो देर से आता है उसे भूखे ही वापस लौटना पड़ता है।