उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंगलवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित सौ साल पुराना एक मकान गिर गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। इस हादसे में नौ लोग मलबे में दबकर घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद स्थानीय रेस्क्यू टीम और पुलिस मौके पर पहुंच गईं और मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालकर मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई, जबकि अन्य घायलों का उपचार जारी है। प्रशासन ने मलबे को हटाने का काम तेज़ी से शुरू कर दिया है और स्थिति की निगरानी के लिए एक विशेष दल का गठन किया गया है। इस घटना के कारण स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के बीच भारी चिंता और अफरा-तफरी का माहौल है।
हादसे में एक महिला कांस्टेबल भी घायल हो गई
वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के मुताबिक, “बचाव अभियान अब खत्म होने वाला है। मलबे में परिवार के 9 लोग फंस गए थे, सभी को बाहर निकालकर अस्पताल भेजा गया। हादसे में ड्यूटी पर तैनात एक महिला कांस्टेबल भी घायल हो गई है। जिन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर भेजा गया जहां वह खतरे से बाहर हैं। वहीं कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती एक महिला को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया है। ” उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता बचाव अभियान चलाकर घायलों की मदद करना है।
मंदिर का गेट नंबर 4 बंद कर दिया गया है
प्रशासनिक अधिकारियों व एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। हादसे के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर को जाने वाले गेट नंबर 4 को बंद कर दिया गया है। एक नंबर और दो नंबर गेट से मंदिर में जाने वाले दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है। NDRF के डीआईजी एमके शर्मा ने बताया कि 4 घंटे चले ऑपरेशन में सभी को सुरक्षित निकल लिया गया। तंग गलियों के कारण रेस्क्यू में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
घर 150 साल पुराना था
जानकारी के अनुसार, खोआ गली के चौराहे पर स्थित प्रसिद्ध जवाहिर सॉ कचौरी के ऊपर स्थित राजेश गुप्ता और मनीष गुप्ता का घर अगल-बगल था. दोनों घर 150 साल पुराने बताए जाते हैं। देर रात दोनों मकान ढह गये.