गैस सिलेंडर की जगह हो रहा है लकड़ी का उपयोग

By
On:

सतना, स्कूलों में दोपहर भोजन पकाने के लिए रसोई गैस का इस्तेमाल किया जाना है, लेकिन तमाम स्कूलों में लकड़ी पर दोपहर भोजन पकाया जा रहा है और स्कूल में धुआं उठता रहता है।

जनपद शिक्षा केंद्र उचेहरा के अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला पिपरिया में जय मां शारदा स्व सहायता समूह के द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है और खास बात यह है कि सरकार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए समूह आवंटित की है। लेकिन यहां पर पुरुष दिखाई दे रहे हैं। आखिर किस तरह से महिलाओं का रोल अदा करते हुए यह नजर आते हैं। जनपद शिक्षा केंद्र उचेहरा के अंतर्गत माध्यमिक शाला पिपरिया में पारंपरिक चूल्हे पर भोजन पकाने का मामला सामने आने पर प्रशासन के द्वारा प्रकरण की जांच करे कार्रवाई करने की बात कही है।

पहले स्कूलों में दोपहर भोजन पारंपरिक चूल्हे पर ही बनाया जाता था। स्कूल में धुआं भरने से पढ़ाई में मुश्किल होती थी। इसको देखते हुए शासन ने सभी स्कूलों में गैस सिलिंडर और चूल्हे की व्यवस्था की। दुर्भाग्य यह कि जिस जिले में शासन ने रसोई को धुएं से मुक्त करने के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की। उसी जिले के प्राथमिक विद्यालयों में ईंटों के चूल्हे लकड़ी से मिड-डे मील बनाया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय पिपरिया में गैस का चूल्हा नहीं होने के कारण रसोइया को लकड़ी और सूखे पत्ते जलाकर दोपहर भोजन बनाना पड़ रहा है। रसोइया ने बताया कि विद्यालय पर गैस सिलेंडर व चूल्हा ही नहीं है।

पिछले कई माह से विद्यालय पर ऐसे ही मिट्टी के चूल्हे पर ही भोजन पकाया जा रहा है। जिले के सरकारी स्कूलों में अभी लकड़ी के चूल्हों पर मिड-डे-मील बनाया जा रहा है। हालांकि प्रदेश सरकार ने 2 साल पहले ही सरकारी स्कूलों मध्याह्न भोजन गैस सिलेंडर के चूल्हे पर बनाने के निर्देश दिए थे। हालांकि कुछ स्कूल में मध्याह्न भोजन गैस सिलेंडर पर बनना शुरू हो गया है। स्कूलों की रसोई में गैस जगह चूल्हे पर लकड़ी से से बन रहा है मध्याह्न भोजन बाजजूद कई जगह रसोई गैस की कोई व्यवस्था नहीं है। चूल्हा जलाने से जहां प्रतिदिन इसके धुएं से आसपास का क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है। वहीं पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी हो रही है। उनके स्वास्थ्य प्रभावित हो रहे हैं।

 

धुंआ से भविष्य हो रहा है धूमिल

जिले के शहरी इलाकों में निजी संस्थानों द्वारा मिड-डे-मील दिया जाता है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्कूल में लकड़ी के चूल्हे पर मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा है। कुछ स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने की स्थिति जानी तो कई जगह लकड़ी के चूल्हे पर खाना तैयार किया जा रहा था। रसोई में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। सरकार के आदेश को अनदेखा कर धुंआ से नौनिहालों के भविष्य को धूमिल किया जा रहा है। सरकारी स्कूल पिपरिया स्कूल में 150 से अधिक छात्राओं के लिए मध्याह्न भोजन बनता है। स्कूल में महिला रसोईया स्कूल परिसर में बनी रसोई में लकड़ी चूल्हे पर खाना बना रही थीं। रसोई में धुआं निकलने की सही व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में रसोई से धुआं कक्षाओं तक में पहुंचता है।

न्यूज पोर्टल बनवाने के लिए संपर्क कीजिए - 7805875468
Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment

Live TV