सीधी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मझौली के न्यायाधीश ने बलात्कार के आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 12 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।
बताया गया है कि अभियोक्त्री 27.01.2023 को सुबह लगभग 9 बजे अपने ससुराल से अपनी भतीजी की पसनी का निमंत्रण देने के लिए सूरजदीन विश्वकर्मा जो रिस्ते में उसका भाई लगता है के घर गई थी। लगभग 10 बजे सुबह आरोपी के घर पहुंची तथा घर के अन्दर बैठी थी। उस समय आरोपी घर में अकेला था। आरोपी ने अपने घर का दरवाजा बंद कर गलत नियत से लिपट गया, जब अभियोक्त्री वहां से भागने की कोशिश करने लगी तब आरोपी ने उसे हांथ घूंसा से मारपीट कर जबरदस्ती बलात्कार किया तथा पूरा दिन घर के अंदर बंद करके रखा तथा रात को पुनः उसके साथ बलात्कार किया एवं उसके पेशाब के रास्ते में लकड़ी डाल दिया, जिससे खून बहने लगा तथा बोला कि उसे जान से खत्म कर देगा।
उक्त घटना की सूचना उसके ससुराल में पता चलने पर उसे उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया एवं उक्त घटना की रिपोर्ट पुलिस चौकी पथरौला में दर्ज कराई गई। जिस पर आरोपी के विरूद्ध थाना कुसमी में अपराध क्रमांक 09/2023 अंतर्गत धारा 342, 376(2) (एन), 376 (2) (च), 323, 506 भाग- दो भादवि कायम कर प्रकरण विवेचना में लिया गया एवं विवेचना पूर्ण कर चालान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मझौली के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां से प्रकरण सत्र न्यायालय सीधी को उपार्पित करने के बाद अन्तरण पश्चात् विचारण हेतु चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय को प्राप्त हुआ।
जिसके न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 55/2023 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए अपर लोक अभियोजक बृजेश किशोर पाण्डेय द्वारा अभियुक्त को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। जिसके परिणामस्वरूप चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सीधी की न्यायालय के द्वारा आरोपी सुरुजदीन उर्फ बहेरहा विश्वकर्मा पिता मोहन विश्वकर्मा उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम लुरघुटी थाना कुसमी जिला सीधी को धारा 376(2) (जी), 376 (2) (एन), 342, 323 भादवि के आरोप में कुल 10 वर्ष का कठोर कारावास व 12 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया। साथ ही प्रकरण में अपील न होने की दशा में अपील अवधि पश्चात् अर्थदण्ड की संपूर्ण राशि 12 हजार रूपये प्रतिकर स्वरूप अभियोक्त्री को दिलाये जाने का भी आदेश पारित किया गया।