ढाई से तीन गुना ज्यादा दर पर खरीदे जा रहे थे स्पेयर पार्ट्स

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सिंगरौली। एनसीएल सिंगरौली में सीबीआई के छापामार ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अब पूर्व में पदस्थ सीएमडी भोला सिंह व उनके कारखास सलाहकार भी लपेटे में आ रहे हैं। आरोप है कि एनसीएल के पाँच अधिकारियों ने संगम इन्टरप्राईजेज एवं सप्लायर रविशंकर सिंह पर मेहरवान थे। भ्रष्टाचार की जांच की परते खुलने में अभी देरी है। लेकिन अन्दर के तहखाने से चर्चाएं हैं कि एनसीएल में करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार हुआ है।

गौरतलब है कि सीबीआई ने दिल्ली की टीम ने एनसीएल सिंगरौली में दो दिन के दौरान छापामार कार्रवाई करते हुये सीएमडी के पीए, सुरक्षाधिकारी, संविदाकार रविशंकर सिंह सहित अन्य कई अधिकारियों को गिरफ्तार की है। । साथ में दिवेश सिंह निजी व्यक्ति व सीबीआई जबलपुर के उप पुलिस अधीक्षक जॉय जोसेफ दामेल भी सीबीआई दिल्ली की टीम ने 5 लाख रूपये कैश के साथ गिरफ्तार की है। वहीं छापामार कार्रवाई के दौरान 3.85 करोड़ रूपये कैश व कई महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस हाथ लगे हैं।

सीबीआई के इस कार्रवाई के बाद अब एनसीएल में ही तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। सूत्र बतातें हैं कि एनसीएल सिंगरौली के पूर्व सीएमडी भोला सिंह के 5 कथित कारखासों ने सांठगांठकर संगम इन्टरप्राइजेज के मालिक को कई करोड़ रूपये का लाभ पहुंचाकर राशि की बंदरबांट की है। सूत्र आगे बतातें हैं कि एनसीएल सिंगरौली के अधिकारियों ने स्पेयर पार्ट्स के खरीदी के लिए एमएसएमई को नजरअंदाज कर संगम इन्टरप्राइजेज को ढाई से तीन गुना ज्यादा दर पर खरीदी कर रहे थे। एमएसएमई में जो स्पेयर पार्ट्स 70 से 75 लाख रूपये कीमत था उसी स्पेयर पार्ट्स को ढाई से तीन गुना दर पर क्रय किया गया। स्पेयर पार्ट्स में प्रोपल गेयर केस रोटेट पिनियान, सॉफ्ट निपियन, व्हिल मेन गेयर जैसे कई स्पेयर पार्ट्स शामिल हैं। एनसीएल में स्पेयर पार्ट्सों के खरीदी में व्यापक पैमाने पर खेला हुआ है।

इस खेला में पूर्व सीएमडी भोला सिंह भी शक के घेरे में आ गए हैं। इधर एनसीएल में स्पेयर पार्ट्स सहित अन्य सामग्रियों के क्रय व सप्लाई में भारी गोलमाल करने की बू आ रही है। हालांकि यह अकेले एनसीएल के एक परियोजना में नही है। बल्कि एनसीएल परियोजना, जयंत, निगाही, अमलोरी, झिंगुरदा, दुद्धिचुआं, ब्लॉक-बी, ककरी, बीना, खड़िया शामिल हैं। जहां इलेक्ट्रॉनिक सामग्री सहित अन्य सामग्रियों के खरीदी में व्यापक पैमाने पर हेरफेर किये जाने की चर्चा है। फिलहाल एनसीएल सिंगरौली में सीबीआई की छापामार कार्रवाई के बाद बहुचर्चित ठेकेदार रविशंकर सिंह, कमिशनखोर सीएमडी का पीए सूबेदार ओझा, सुरक्षाधिकारी बीके सिंह सहित अन्य की हुई गिरफ्तारी के बाद अब सवाल उठ रहा है कि 2021 से लेकर 2023 तक सामान खरीदी के नियुक्त सीएमडी के सलाहकार की धरपकड़ कब होगी।

पूर्व सीएमडी के पांच रत्नों में एक सलाहकार भूमिगत

एनसीएल मुख्यालय सिंगरौली के पूर्व सीएमडी भोला सिंह के खासमखास 2018 से लेकर 2021 तक एचओडी महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। 2021 में सेवानिवृत होने के बाद तत्कालीन एनसीएल के सीएमडी भोला सिंह ने सामान खरीदी के लिए अपने खास सेवानिवृत्त अधिकारी को सलाहकार नियुक्त करा लिया था। वर्ष 2023 तक जमकर स्पेयर पार्टसों की खरीदी में गोलमाल व राशि की बंदरबांट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है। वहीं सूत्र बतातें हैं कि नियुक्त सलाहकार संगम इन्टरप्राइजेज के मालिक रविशंकर सिंह सविदाकार के कारखास थे। जहां पार्टस सप्लाई के मैनेजमेंट कराने में महारत थे। लेकिन सीबीआई नई दिल्ली के कार्रवाई केबाद पूर्व सलाहकार भूमिगत हो गए हैं। जबकि एनसीएल मुख्यालय सिंगरौली में ही उनके नाम की खूब चर्चाएं चलने लगी है। वही पूर्व सीएमडी के पाँच रत्न के एक- एक कर नामों की चर्चाएं हो रही हैं। कौन क्या करता था, मैनेजेमेंट का गुरु कौन है सभी की भूमिकाएं अलग-अलग थी। अब पाँच रत्न के चेहरे पर चिंता की लकीरे खीच गई हैं। उन्हें भी अब कार्रवाई का डर सताने लगा है।

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