सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील अंतर्गत बर्दी ग्राम पंचायत में पीयूआईयू विभाग द्वारा निजी ठेकेदार को आदिवासी छात्रावास का निर्माण कार्य दिया गया है। ठेकेदार द्वारा मापदंडो की अनदेखी कर निर्धारित लागत से कम दाम में गुणवत्ता विहीन छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा बिल्डिंग निर्माण में मिट्टी युक्त रेता का उपयोग किया जा रहा है।
चितरंगी आरएसएस के चितरंगी खंड कारवाह गीता प्रसाद त्रिपाठी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदार द्वारा चार गाड़ी रेता 6 माह पूर्व मंगाया गया था जिसकी टीपी बनी है। लेकिन वह रेता उपयोग नहीं किया जा रहा है बल्कि नजदीक के क्षेत्र से जमीनों टिल्लों से मिट्टी युक्त रेता सस्ते दामों में मंगाकर बिल्डिंग निर्माण में उपयोग किया जा रहा है।
साथ ही जो ईंटें बिल्डिंग निर्माण में उपयोग किए जा रहे है उसे हाथ से दबाने पर ईंटा डस्ट बन जा रहा है। सीमेंट भी मात्रा कम दिया जा रहा है जीरा गिट्टी सस्ते दामों में मंगाकर बिल्डिंग के छत, बीम, एवं पिलर में उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक बार खनिज विभाग की टीम जांच करने पहुंची थी जहां ठेकेदार के लोगों द्वारा टीपी को दिखाकर मामला रफादफा कर दिया गया था। जबकि अच्छे इंजीनियरों द्वारा इसकी जांच करा कर घटिया निर्माण पर रोक लगाया जाना चाहिए।