चितरंगी । चितरंगी ब्लॉक में आवास योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े हो रहे है। यहां के कई दिव्यांगों को योजना का लाभ नहीं मिल सका है। जबकि दिव्यांगों को आवास देने की प्राथमिकता है।
ऐसा ही एक मामला कलेक्टर के जनसुनवाई में देखने को मिला है। जहां दोनों पैर से दिव्यांग गरीब आवास पाने के लिए दर-दर भटक रहा है। सिर पर छत के लिए कोई सार्थक पहल नहीं कर रहा। जिसके चलते दिव्यांग निराश हैं। उनकी सर्दी-गर्मी और बरसात की रात छप्पर में गुजर रही है। गौरतलब है कि चितरंगी ब्लॉक के गेरूई गांव के दिव्यांग रामसुंदर सिंह गोड़ पिता बब्बू सिंह गोड़ दोनों पैर से पूर्ण रूप से विकलांग हैं।
उसके पास एक टूटा-फूटा छप्पर का आशियाना है। वह कहते हैं कि मुझे आज तक सरकार के द्वारा चलाए जा रहे आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। दिव्यांग को यह भी नहीं पता कि उसका नाम पात्रता सूची में दर्ज है या नहीं। लेकिन सवाल यह भी है कि ब्लॉक स्तर में दिव्यांगों का सर्वे किया जाता है। तो वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर जिले के सचिव, रोजगार सहायक और सरपंच की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए कि कोई भी दिव्यांग सरकार की योजनाओं से वंचित न हों और ऐसे प्रशासनिक कर्मचारी पर सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए।
ताकि दिव्यांगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सकें। अब दिव्यांग जनसुनवाई में पहुंच कलेक्टर से आवास के लिए गुहार लगाई है। दिव्यांग ने बताया कि वह अपनी पीड़ा लेकर तहसील और ब्लॉक तक की दौड़ लगा कर थक चुके हैं। हर जगह से निराशा ही हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि अक्सर सुनने में आता था कि दिव्यांग लोगों को प्राथमिकता के साथ आवास की सुविधा दे रही है। इसी सूचना के आधार पर कई बार जिम्मेदारों के दर पर दौड़ लगाया। लेकिन अधिकारी केवल आश्वासन देते रहे।