Singrauli News : सीएम हेल्पलाइन के 11500 शिकायतें समाधान के इंतजार में

By
On:

सिंगरौली । सीएम हेल्पलाइन में जिले भर के करीब 11500 शिकायतें निराकरण के इंतजार में हैं। इन शिकायतों में एल-3 यानी जिला प्रमुख स्तर के सर्वाधिक तकरीबन 63 सौ शिकायतों का निराकरण नही हो पाया है।

सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त होने वाली शिकायतों के निराकरण को लेकर प्रत्येक सप्ताह कलेक्ट्रोरेट में आयोजित होने वाली साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने कई बार लापरवाह विभाग प्रमुखों को डाट-फटकार भी लगाते आ रहे हैं। इसके बावजूद सीएम हेल्पलाइन के लंबित शिकायतों का समय सीमा में निराकरण नही हो पा रहा है। सीएम हेल्पलाइन के सर्वाधिक शिकायतें महिला एवं बाल विकास विभाग में 2032, राजस्व विभाग 1630, खाद्य आपूूर्ति विभाग के 1052, ऊर्जा विभाग के 1038, पुलिस के 939 एवं लोक शिक्षण के 384, म.प्र असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल संबंल योजना के 318, पंचायत राज के 315 तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 306 समेत करीब 60 उप विभागों के करीब 11500 शिकायतें लंबित हैं।

जानकारी के अनुसार विकास खण्ड स्तर एल-1 में करीब 3560 , विभाग प्रमुख एल-2 के यहां 1050, जिला प्रमुख एल-3 के यहां 63 सौ एवं कमीशनर व भोपाल स्तर एल-4 के 604 सीएम हेल्पलाइन से संबंधित शिकायतें लंबित हैं। सूत्र के मुताबिक जिला प्रमुख स्तर के अधिकारियों के यहां आईसीडीएस, राजस्व , खाद्य आपूर्ति, ऊर्जा, पुलिस, सामान्य प्रशासन के यहां शिकायतें समाधान के इंतजार में सर्वाधिक संख्या में है। जिला प्रमुख सीएम हेल्पलाइन के शिकायतों का निराक रण समुचित तरीके संतुष्टि के साथ नही करा पा रहे हैं या फिर कार्य की अधिकता व व्यस्तता के चलते सीएम हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों के प्रति गंभीर नही है। फिलहाल जिले में सीएम हेल्पलाइन के तकरीबन 11500 जिसमें एल-3 यानी जिला प्रमुखों के पास 63 सौ औसतन करीब 58 प्रतिशत शिकायतें इन्ही के पास लंबित होने पर कलेक्ट्रोरेट में ही तरह-तरह की चर्चाएं हैं। इधर यह भी चर्चा है कि सीएम हेल्पलाइन के कई शिकायतकर्ता यही अपनी पीड़ा सुनाते नजर आते हैं कि अधिकारी दबाव देकर शिकायतों को बन्द करा देते हैं। इस तरह की शिकायतें पुलिस की सर्वाधिक है।

पॉच विभाग करा रहा जिला प्रशासन का किरकिरी

सीएम हेल्पलाइन में पॉच ऐसे विभाग हैं। जिनके यहां शिकायत पत्रों का अम्बार लगा हुआ है। अधिकांश हजार से ऊपर शिकायतें लंबित हैं। इसमें आईसीडीएस राजस्व, पुलिस, ऊर्जा एवं खाद्य आपूर्ति शामिल है। हैरानी की बात है कि सबसे ज्यादा उक्त विभागों के एल-3 यानी जिला प्रमुख स्तर के यहां शिकायतें निराकरण के इंतजार में है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो एल-3 जिला प्रमुख स्तर के यहां आईसीडीएस के 1810, राजस्व के 685, खाद्य आपूर्ति 500, ऊर्जा विभाग के 425 एवं पुलिस के 470 के साथ लोक शिक्षण के 260 के अलावा अन्य विभागों के एल-3 के अधिकारियों के यहां शिकायतें पहुंची हैं। वही एल-4 स्तर यानी कमीशनर व प्रदेश सचिव स्तर के राजस्व विभाग से संबंधित करीब सवा दो सौ शिकायतें पहुंची हंै। हालांकि उक्त आंकड़ा दो दिन पूर्व का है।

जनसुनवाई में शामिल नही होते कार्यपालन अभियंता

जानकारी के मुताबिक कलेक्ट्रोरेट परिसर में प्रत्येक दिन मंगलवार को आयोजित होने वाले जनसुनवाई में म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी पूर्वी क्षेत्र बैढ़न शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचल के कार्यपालन अभियंता शामिल होने से कन्नी काटते हैं। अपने स्थान पर कभी जूनियर इंजीनियर विद्युत या फिर अधीक्षण यंत्री को जनसुनवाई में भेज देते हैं। कलेक्ट्रोरेट में चर्चा है कि जब से एमपीईबी शहर एवं ग्रामीण में नए कार्यपालन अभियंता आए हैं वें जनसुनवाई में जाना उपयुक्त नही समझते। जबकि जनसुनवाई में करीब 30 से 40 प्रतिशत बिजली बिल, ट्रांसफार्मर, घरों तक बिजली न पहुंचने, मनमानी बिल वसूलने जैसे शिकायतें आती हैं। कार्यपालन अभियंता जनसुनवाई में न जाने से शिकायतों का निराकरण भी नही हो पाता और शिकायतकर्ता निराश होकर लौट जाते हंै या फिर एमपीईबी कलेक्ट्रोरेट कार्यालय का चक्कर लगाने के लिए मजबूर रहते हैं।

न्यूज पोर्टल बनवाने के लिए संपर्क कीजिए - 7805875468
Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment

Live TV