Singrauli News। जिले में चोरों के बढ़ते हौसले के आगे पुलिस बेवस एवं लाचार नजर आ रही है। पिछले दो साल के दौरान चोरों का आतंक इतना बढ़ा है कि दिन दहाड़े घरों में घूस चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस किसी तरह कुछ घटनाओं में एफआईआर दर्ज करती है। लेकिन उसमें भी अपने मन मुताबिक रिपोर्ट लिखती है।
इस तरह के सनसनी खेज उदाहरण माड़ा थाना क्षेत्र के करामी गांव की है। जहां 12 जून की दोपहर 1 बजे रामलल्लू विश्वकर्मा के घर में दो नकाब पोसधारी व्यक्ति घूस अकेली महिला शांति देवी को चमड़े के बेल्ट से बेरहमी के साथ मारपीट करते हुये बंधक बनाकर लाखों कीमत के सोने-चॉदी के आभूषण एवं 50 हजार रूपये नगद उठा ले गये। पीडि़त पक्ष सत्यम विश्वकर्मा ने बताया कि यह घटना दिन दहाड़े की है। जब मेरे पिता रामलल्लू विश्वकर्मा शासकीय आईआईटी पचौर से ड्यूटीकर शाम 7 बजे वापस घर गये तो वहां मेरी मॉ शांति देवी बेहोसी हालत में पड़ी थी और उसके हाथ, पैर एवं मुंह बंधे हुये थे।
करीब आधा घण्टा बाद मेरी मॉ को होस आया तब उसने पूरी कहानी बताई। सूचना के बाद पुलिस 100 वाहन व अन्य पुलिस अधिकारी माड़ा से पहुंचे। जहां थाने ले गये। जहां पूछतांछ के बाद दूसरे दिन 13 जून को किसी तरह एफआईआर दर्ज की गई। उसमें भी मारपीट एवं लूट डकैती जैसी घटना का जिक्र न कर पुलिस ने घर में तोडफ़ोड़ व चोरी का अपराध का धारा लगाकर कार्रवाई की है। जबकि मेरी मॉ जितनी भी आभूषण पहनी थी उसे लूटेरों ने सब कुछ उतार लिया था। पुलिस की यह कार्य प्रणाली समझ से परे है। महिला
थाना प्रभारी माड़ा लाईन अटैच
माड़ा क्षेत्र में कानून व्यवस्था बे पटरी पर है। आरोप है कि इस क्षेत्र में चार महीने से रेत सहित अवैध कारोबारियों को खुली छूट मिली हुई है। अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। चोरी की वारदाते आम बात हो चुकी हैं। इसकी शिकायत मिलने पर एसपी निवेदिता गुप्ता ने थाना प्रभारी व उप निरीक्षक एनपी तिवारी को लाईन अटैच करते हुये उप निरीक्षक निपेन्द्र सिंह को माड़ा थाना का प्रभारी बनाया गया है।
इनका कहना
करामी गांव में चोरी की वारदात हुई है। अपराध दर्ज कर पतासाजी की जा रही है। विवेचना के दौरान एफआइआर में अन्य धाराएं बढ़ाई जा सकती है।
केके पाण्डेय
एसडीओपी, मोरवा