सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील अंतर्गत गुरहर के पहाड़ में सोने की खदान मिला हैं। यहां पर खनन करने का काम मेसर्स कुंदन गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को दिया गया यह खनिज पट्टा 149.30 हेक्टेयर का है इस जगह पर अब कंपनी 20 मार्च 2026 तक सोने की तलाश कर सकेगी ।यदि कंपनी सोने का भंडार तलाश में सफल रही तो फिर उसे ही सोना निकालने का अधिकार मिल जाएगा।
यह पट्टा बीते माह की 6 मई 2024 को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है ।सोने की तलाश के लिए वेंडर में सर्वाधिक बोली हरियाणा की कंपनी ने सबसे अधिक कुंदन गोल्ड माइंस प्राइवेट लिमिटेड लगाई है जिसकी वजह से उसे यह काम दिया गया है ।पट्टा मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने कंपनी को दो दर्जन बोर होल करने की अनुमति भी जारी कर दी है ।
इसमें शर्त के अनुसार ही खनिज नीलामी नियम 2015 के तहत अधिमानी बोलीदार को खनन पट्टे के निष्पादन करने के लिए निर्धारित समय सीमा में किसी भी छूट की पात्रता नहीं दी गई है।खनिज ब्लॉक के अनुमानित मूल्य प्रस्तावित के अतिरिक्त कवेशन के परिणाम के आधार पर काम नहीं दिया जाएगा ।खनिज पट्टाधारी कंपनी को पूर्वेक्षण या कार्य प्रारंभ करने से पहले भारतीय खान ब्यूरो, कलेक्टर सिंगरौली तथा संचालक भौमिक एवं खनिकर्म विभाग को अनिवार्य रूप से सूचना देनी होगी । इसके अलावा कंपनी को यह भी तय करना होगा कि प्रतिबंधित स्थलों पर किसी भी प्रकार का पुनर्वेक्षण कार्य नहीं किया जाएगा नियमों का किसी भी प्रकार का उल्लंघन पाए जाने पर अधिक सूचना निरस्त कर दी जाएगी
सिंगरौली जिले में सोने की खदान का सर्वे 4 वर्ष पहले हुईं थीं भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में सिंगरौली जिले में सोने की खदानों की सर्वे की थी इसमें से सिंगरौली के गुड़हल पर्वत पर सोना मिला था। GSI की रिपोर्ट में बताया गया था कि सिंगरौली में सोने का भंडार है यहां जमीन के अंदर 7.29 मिलियन टन सोने के अयस्क हैं विशेषज्ञों के मुताबिक सिंगरौली की गुरहर पहाड़ी पर मिली सोने की खदान से 1 टन पत्थर निकालने पर उसमें से 1.03 ग्राम सोना मिलेगा ।
जानकारों की माने तो सिंगरौली की सोने की इस खदान से मध्य प्रदेश सरकार को राजस्व के रूप में एक बड़ा राशि आय के रूप में प्राप्त होगा । गुरहर की खदान क्षेत्र से मध्य प्रदेश सरकार को लगभग 6 हजार करोड रुपए के से अधिक का राजस्व मिलेगा।