टीएचडीसी व बिरला कोल माइंस प्रबंधक के खिलाफ धरना प्रदर्शन

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सिंगरौली//टीएचडीसी व बिरला कोल माइंस बंधा के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा चितरवई कला रोड में अपनी मांगों को लेकर कंपनी की गाड़ियों को रोका।

आन्दोलन की अगुआई कर रहे चितरवई कला के सरपंच का कहना है कि टीएचडीसी व बिरला कोल माइंस द्वारा गांव काफी प्रभावित हुआ है किंतु कंपनियों द्वारा गांव में कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।

पारसनाथ प्रजापति जनपद सदस्य ने का कहना है की हमारे प्राभावित क्षेत्र में लोगों की समस्याओं का निराकरण कम्पनी प्रबंधन तत्काल करे।

आन्दोलन के सहयोगी शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि कई वर्षों से कम्पनियों प्रबंधन द्वारा हमारे अधिकारी को छीना गया जिसे पत्र देकर समस्यों से अवगत भी कराया गया किन्तु कम्पनी प्रबंधन द्वारा लगातार ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है, अधिकारों से वंचित किया जा रहा है जिसकी मागों के साथ आज धरना पर बैठना पड़ा है अगर हमारी मांगे पूरी नही होती तो फिर यह आन्दोलन हम सभी ग्रामीणों के साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे।

धरना का समापन

मौके स्थल पर पुलिस प्रशासन व कम्पनी प्रबंधन के प्रतिनिधि पहुंचे जिन्हें आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों के साथ ज्ञापन दिए और कम्पनी प्रबंधन के प्रतिनिधि संजीव सिंह के द्वारा ज्ञापन लेते हुए जल्द निराकरण करने को कहा गया जिसके उपरान्त धरना प्रदर्शन का समापन किया गया।

प्रमुख मांगें निम्नानुसार रही :-

1. यह की कम्पनी की बैठक मे लिए गए निर्णय व सुझाव की जानकारी से अवगत नही कराया जाता है जिससे हम सभी को जानकारी का अभाव रहता है, कम्पनी की समिति की बैठक मे हम क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि को नियमित बैठक मे उपस्थित होने की सूचना प्रदान की जाए जिससे हम जनप्रतिनिधि भी बैठक मे अपनी बातों को रख सकें।
2. यह की गांव कम्पनी से लगे होने के कारण समुचित गाँव प्रदूषण से व्याप्त हो होता जा रहा है जिससे गांव में काफ़ी विमारियाँ बढ़ती जा रही है जिसमे प्रदूषण हेतु रोकथाम किया जाए एवं विमारी के इलाज़ हेतु नियमित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए व एम्बुलेंस सुविधा मुहैया कराई जाए।
3. यह की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क ग्रामीण लोगों के आवागवन को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है जिसमे लगातार कम्पनी के वाहन तेज चलाने से ग्रामीण सड़क टूटती जा रही है व पूरा मार्ग अस्त-व्यस्त होने से लगातार दुर्घटनायें बढ़ रही है जिससे ग्रामीणों को काफ़ी परेसानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमे कम्पनी के वाहनो के यातायात के लिए गाँव के किनारे से कम बस्ती वाले जगह से सड़क निर्माण कर यातायात सुनिश्चित किया जाए।
4. यह कि स्थानीय ग्रामीणों को कम्पनी में किसी भी तरह का कोई रोजगार उपलब्ध नही कराया जा रहा है, कम्पनी मे स्थानीय लोगों को जीविकोपार्जन के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
5. यह कि चितरवई कला – बंधा मुख्य मार्ग गदीहवा घाटी मे दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रिलिंग लगाई जाए।
6. यह की सड़क काफ़ी अस्त-व्यस्त होने के कारण रात के समय मे दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट लगाई जाए।
7. यह कि ग्रामीण विकास के लिए पंचायत को राशि उपलब्ध कराई जाए जिससे गाँव का समुचित विकास किया सके जिसमे पुलिया, चबूतरा निर्माण, चेक डैम, बोरी बंधान, सड़क, पीसीसी मार्ग, तालाब निर्माण एवं सौंदरिकरण, बृक्षारोपन आदि निर्माण कार्य कराया जा सके।
8. यह की स्कूल मे अध्ययन सामाग्री एवं व्यवस्थाओं मे सुधार कराया जाए जिसमे शौचालय निर्माण, दीवाल पेंटिंग, साफ – सफाई, स्कूल कार्यालय व्यवस्थाएं सुनिश्चित किया जाना, पीने की शद्ध पानी एवं आर.ओ. उपलब्ध कराया जाना, कुस्तकालय एवं डिजिटल कक्षाओं के संचालन आदि के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
9. ग्राम मे विधवा महिलाओं के जीविकोपार्जन के लिए संधाधन उपलब्ध कराई जाए।
10. क्षेत्र मे कुपोषण के शिकार हो रहे जच्चा-बच्चा को पोषक तत्वो से युक्त आहार उपलब्ध कराई जाए।11. गाँव मे नियनित एनीमिया परीक्षण हेतु कैंप आयोजित किया जाए।
12. महिलाओं को स्व-रोजगार सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण एवं संधाधन उपलब्ध कराई जाए जिसमे सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, निरमा पैकिंग, साबुन बनाना, जुट बैग आदि
13. कम्पनी द्वारा विस्थापित परिवारों को विस्थापन एवं पुनर्वास अधिनियम मे निहित समुचित सुविधाएं उपलब्ध नही कराई जा रही है, नियमानुसार समुचित सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
14. यह की कम्पनी द्वारा भूमि को अधिग्रहित किया जा चुका और जमीन का मुआवजा भी दिया जा चुका है किन्तु मकान का मुआवजा आज दिनांक तक नही दिया गया, मकान का मुआवजा वर्तमान रेट दर से तत्काल दिया जाए।
15. यह की कम्पनी प्रबंधन को पत्र लिखकर कई बार समस्याओं से अवगत कराया गया किन्तु पत्र पर कोई कार्यवाही नही की गई न ही पत्र पर की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है की पत्र को गम्भीरता से नही लिया जाता है, जिसमे पत्र को गम्भीरता से लेते हुये कार्यवाही की जाए।

आन्दोलन में मुख्य रूप से उपस्थित आशीष कुमार साकेत सरपंच चितरवाई कला, पारसनाथ प्रजापति जनपद सदस्य, लक्ष्मण प्रसाद कुशवाहा उप सरपंच गहिलारा, विनायक प्रसाद शाह, शैलेन्द्र कुमार सामाजिक कार्यकर्ता, निलेश शाह युवा नेता, संतोष शाह, आशीष कुमार शाह, जनक लाल सोनी, नारायण दास शाह, मानिक चंद सोनी, धनंजय शाह, जितेन्द्र कुमार, नारद पटेल, सुभाष सिंह, चंद्रकांत, अजीत शाह, दिनेश शाह सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।

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