promotion: Coal India के एक लाख से अधिक कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हो पायी है. अगर अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में रिपोर्ट तैयार नहीं हुई तो promotion में दिक्कत आ सकती है। कोल इंडिया की ओर से शुक्रवार को बीसीसीएल व अन्य कोयला कंपनियों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि 2,17,766 कर्मियों में से मात्र 1,11,307 कर्मियों ने ही रिपोर्ट किया है. 1.06, 459 कर्मचारी चले गए।
Coal India के महाप्रबंधक (श्रम एवं औद्योगिक संबंध) गौतम बनर्जी ने कहा कि नौ सितंबर को मिली रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है. निर्देशों का पालन नहीं किया गया. दरअसल, कोल इंडिया का स्थापना दिवस एक नवंबर को मनाया जाता है. इस दिन कोयला कर्मियों के promotion की घोषणा की जाती है. यह वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर ही किया जाता है। कोल इंडिया ने अक्टूबर के अंत तक रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने उन अधिकारियों की भी जानकारी मांगी जो रिपोर्ट बनाने के लिए जिम्मेदार थे.
इलाज के दौरान कोल कर्मी की हुई मौत, नियोजन को लेकर किया हंगामा (Coal worker died during treatment, created ruckus over planning)
धनसार के पीबी एरिया के बोर्रागढ़ कोलियरी में सामान्य मजदूर के रूप में काम करने वाले 52 वर्षीय विजय उराँव की इलाज के दौरान शुक्रवार की शाम दुर्गापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई। शनिवार को जनता श्रमिक संघ के बैनर तले मजदूरों ने कोलियरी कार्यालय पर नियोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. जनता श्रमिक संघ के नेता अमर सिंह के नेतृत्व में लोग मृतक के शव को कोलियरी कार्यालय के पास रखकर नियोजन की मांग करने लगे.
मृतक विजय उराँव की तबीयत 18 सितंबर को काम के दौरान खराब हो गयी थी. इसके बाद कर्मियों ने आनन-फानन में उसे बायोमेट्रिक अटेंडेंस से हटाकर घर भेज दिया. घर पहुंचते-पहुंचते उसकी हालत खराब हो गई। रिश्तेदार का पहले स्थानीय डॉक्टरों से इलाज कराया गया, लेकिन जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उसे सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे दुर्गापुर रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान शुक्रवार शाम उसकी मौत हो गई।
मौके पर जमकर हुई नारेबाजी (There was heavy sloganeering on the spot)
लोगों ने बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा नियोजन नहीं देने के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. घटना की जानकारी मिलने के बाद भाजपा नेत्री रागिनी सिंह भी कोलियरी कार्यालय पहुंचीं और बीसीसीएल अधिकारियों से मृतक के आश्रितों को नियमानुसार तत्काल नियोजन देने की मांग की. इस पर काफी देर तक चर्चा होती रही. इसके बाद मृतक के बेटे बीरबल उरांव को औपबंधिक नौकरी दी गयी. घटना के बाद से मृतक की पत्नी सनोती देवी, पुत्री संतोषी देवी, पुत्र शंकर उराँव, निर्मल उराँव, विष्णु उराँव का रो-रोकर बुरा हाल है।