भारत के जाने-माने उद्योगपति और सामाजिक कार्यकर्ता Ratan Tata का 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। इस खबर से पूरे भारत में शोक की लहर है.
आपको बता दें कि Ratan Tata पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे, कुछ दिन पहले ही उनकी मौत की अफवाह उड़ी थी जिसे आधिकारिक सूत्रों ने खारिज कर दिया था। लेकिन आज सुबह से ही टाटा की तबीयत काफी नाजुक थी जिसके चलते उनका निधन हो गया है.
Ratan Tata के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
वर्ष 1991 से 2012 तक Ratan Tata ने टाटा ग्रुप के चेयरमैन का दायित्व निभाया और इसे नित नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। पीएम नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को X पोस्ट के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की है। अपने पोस्ट में पीएम ने लिखा है कि “रतन टाटा दूरदर्शी लीडर, दया भाव रखने वाले और असाधारण इंसान थे, भारत के सबसे पुराने बिजनेस घराने का उनका नेतृत्व बोर्ड रूम से कई आगे था जिसके चलते वे सभी के प्रिय बने। उन्होंने समाज को बेहतर बनाया, इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं…
अपने आधिकारिक बयान में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि Ratan Tata सचमुच असाधारण लीडर थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है। टाटा टाटा समूह के लिए वे एक चेयरमैन से कहीं बढ़कर थे। हमारे लिए वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। उनकी लीडरशिप में टाटा ग्रुप ने आसाधारण विस्तार किया। हमेशा नैतिक मानदंडों के प्रति सच्चे बने रहे। उन्होंने परोपकार और समाज की भलाई के लिए हर क्षेत्र में एक गहरी छाप छोड़ी। एजुकेशन हो या हेल्थ हर सेक्टर में उन्होंने जो लीडरशिप दिखाई उसे आने वाली पीढि़यां लाभान्वित होंगी।
रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा था। 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में पैदा हुए Ratan Tata, नवल टाटा और सूनी कमिसारीट के बेटे थे। जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब वे अलग हो गए थे। उसके बाद उन्हें जेएन पेटिट पारसी अनाथालय के माध्यम से उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने औपचारिक रूप से गोद ले लिया था। रतन टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे) के साथ हुआ।
रतन टाटा जितने मशहूर उद्योगपति थे, उतने ही दानवीर भी। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने रोज नई ऊंचाई को छुआ। आज चाय से लेकर जैगुआर लैंड रोवर कार और नमक बनाने से लेकर जहाज उड़ाने और होटलों का ग्रुप चलाने तक जिंदगी के विभिन्न क्षेत्रों में टाटा का जलवा नजर आता है। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा का जीवन सबके लिए प्रेरणास्रोत रहा। वे कहते थे, मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं। शक्ति और धन मेरे दो मुख्य हित नहीं हैं।
रतन टाटा के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दुख जताते हुए लिखा कि “वे भारत के महानायक थे, भारत के व्यापार, अर्थव्यवस्था और उद्योग जगत में उनका योगदान बेहद उल्लेखनीय है, मैं अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं…