सिंगरौली। सिंगरौली विस्थापन मंच के संरक्षक एवं पूर्व विधायक रामलल्लू बैस ने गत दिवस नई दिल्ली पहुंच कोल एवं खनन मंत्री से मिलकर ननि क्षेत्र के शहरी वार्डो के अधिग्रहण के माध्यम से मांग पत्र सौंप कर विभिन्न बिन्दुओं से अवगत करा मांग पत्र सौंपा है। इस दौरान एसके गौतम रेल सलाहकार समिति रेलवे बोर्ड के सदस्य भी मौजूद थे।
कोयला मंत्री को अवगत कराया है कि कई बार विस्थापन होने के प्रांत इस क्षेत्र के लोगों के पास पुस्तैनी जमीन कृषि कार्य करने के लिए अत्यधिक संकुचित हो चुकी है। औद्योगिक और नगरीय क्षेत्र होने के कारण उपयोगिता और डिमांड अधिक होने के फलस्वरूप भूमि के मूल्य ज्यादा है। समस्त कृषि भूमि विकसित भू-खण्ड की श्रेणी की है। ऐसे में मुआवजा की गणना करते समय कलेक्टर गाईडलाईन बाजार मूल्य के कारण को ध्यान में रखकर विकसित भू-खण्ड के मान्य से किया जाए। मूल्यांकन प्रतिवर्ग मीटर की दर का हो, कलेक्टर गाईड में अधिक भू-खण्ड के क्रय-विक्रय पर मूल्य को कम करने का उद्देश्य पंजीयन शुल्क में ज्यादा स्टाम्प न लगे इस लिहाज से की जाती भूमि का मूल्य छोटी भूमि या बड़ी भूमि से नही है।
गाईडलाईन में जो मूल्य है वह कास्तकार को किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नही है। विकसित भू-खण्ड की दर से भुगतान हो या आपसी चर्चा एनसीएल कर के एक मूल्य निर्धारित करे। उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि पूर्व में सीबीए एक्ट से यहां के भू-खण्ड जहां अधिग्रहित हुये हैं। उसमें भूमि एवं परिसंपत्तियों के बारे में विस्तार से बताया । पूर्व विधायक ने यह भी कहा है कि पूर्व कोयला मंत्रालय सचिव श्री मीणा सिंगरौली एनसीएल मुख्यालय आए थे।
जहां उन्होंने विस्थापितो चर्चा कर कई तरह का आश्वासन भी दिया था। पत्र में यह भी अवगत कराया कि प्रस्तावित पुर्नवास स्थल की स्थिति यह है कि अभी तक सीएमडी ने शासन द्वारा मांगी गई राशि तक जमा नही कराया। बार-बार मांग करने के उपरांत पुर्नवास स्थल का कोई ब्लूप्रिंट तक का तैयार नही किया। इसके अलावा अन्य कई बिन्दु शामिल हैं।