MP News : ग्रामीण क्षेत्रों में कम दामों में महुआ खरीदी के लिए बिचौलिए सक्रिय
बिना पंजीयन महुआ की खरीदी कर रहे व्यवसायी, दाम गिरने का झांसा देकर भंडारण की होड़

सीधी। मौसम की अनुकूलता के चलते इस मर्तबा महुआ का रिकार्ड बना है। विगत सालों की अपेक्षा इस वर्ष करीब 3 गुना महुआ ज्यादा होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बिचौलिया औने-पौने दामों में खरीदने में मशगूल हैं। स्थिति यह है कि बड़े व्यापारी जहां महुआ फूल के दाम लगातार गिरने की संभावना जता रहे हैं उसी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायी महुआ को कम दामों में खरीदने में जुटे हुए हैं।
बताते चले कि बिना पंजीयन महुआ फूल को नहीं खरीदा जा सकता। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में उक्त कारोबार को सीजनल मानकर व्यवसायी बड़े पैमाने पर खरीदी एवं भंडारण करते हैं। महुआ फूल का सीजन खत्म होने के बाद जिस व्यवसायी के पास जितना भंडारण होगा वह उतनी ही कमाई कुछ महीने के अंदर ही कर लेगा। इसी के चलते सीधी जिले के दक्षिणी क्षेत्र में महुआ फूल का कारोबार इन दिनों चरम पर है।
जानकारों के अनुसार बड़े व्यवसायियों द्वारा इसमें सीधे हांथ डालने की बजाय अपने सम्पर्की छोटे व्यवसायियों के माध्यम से महुआ फूल की खरीदी एवं भंडारण बड़े पैमाने पर करा रहे हैं बाद में छोटे व्यवसायियों द्वारा भंडारित किए गए महुआ फूल को बड़े व्यवसायी खरीद लेते हैं और चंद दिनों में ही करोड़ों का मुनाफा बाहर बेंचकर अर्जित कर लेते हैं। सीधी जिले में महुआ फूल से जुड़े व्यवसायी एक ही सीजन में करोड़ों की आमदनी सुनियोजित तरीके से कर लेते हैं। जबकि महुआ फूल को बिनने एवं सुखाने तक के कार्य में कठिन परिश्रम करने वाले आदिवासी परिवारों को मेहनताना तक नहीं मिल पाता। चर्चा के दौरान कुछ व्यवसायियों ने बताया कि महुआ के सीजन के दौरान छोटे व्यवसायी महुआ की खरीदी को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों का सम्पर्क जिले के बड़े कारोबारियों से होने के कारण वह उन्हीं के इशारे पर कम दामों में खरीदी का कार्य करते हैं। बड़े व्यवसायियों द्वारा इसके लिए अपने खास छोटे व्यवसायियों को कम दामों में खरीदी के लिए राशि भी उपलब्ध कराई जाती है। बाद में छोटे व्यवसायियों के यहां भंडारित महुआ फूल को अपने लायसेंस पर वाहनों में लोड कर सीधे दूसरे प्रांतों में पहुंचाकर भारी मुनाफा कमाया जाता है। सीजन के दौरान संबंधित व्यवसायियों द्वारा महुआ फूल के दाम को काफी नीचे गिरा दिया जाता है बाद में वह कई गुना दामों पर बेचते हैं।
वन विभाग को है प्रत्यक्ष कार्यवाही का अधिकार
महुआ फूल के कारोबार के संबंध में प्रत्यक्ष रूप से वन विभाग को अधिकार मिला हुआ है। वन विभाग के अमले को जिले भर में महुआ फूल के चल रहे अवैध कारोबार पर अभियान चलाकर कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए। वर्तमान में महुआ खरीदी का सबसे बड़ा नेटवर्क जिले के दक्षिणी क्षेत्र में वनों के नजदीकी गांवों के आसपास बना हुआ है। आदिवासी बाहुल्य विकासखंड कुसमी एवं मझौली में महुआ का सबसे ज्यादा संग्रहण हो रहा है। यहां के व्यवसाथियों द्वारा ट्रकों में महुआ का भंडारण किया गया है। वर्तमान में महुआ के दाम ग्रामीण क्षेत्रों में मनमानी दिये जा रहे हैं। फिर भी तत्काल नगदी मिलने की लालच में आदिवासियों द्वारा इस दर पर ही महुआ की बिक्री बड़े पैमाने पर की जा रही है। बड़े कारोबारी अभी खुलकर महुआ की खरीदी नहीं कर रहे हैं। उनके इशारों पर जुडे हुए छोटे कारोबारी ही महुआ की खरीदी घर घर जाकर करने में भी पीछे नहीं हैं। घर जाने पर औने-पौने दामों में खरीदी की जा रही है।
35 रुपए निर्धारित है महुआ का समर्थन मूल्य
शासन द्वारा महुआ फूल की खरीदी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 35 रूपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है। महुआ की खरीदी के लिए वन विभाग द्वारा भी केन्द्र बनाए गए हैं। बिडम्बना यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में वन विभाग के अमले की सांठगांठ के चलते समर्थन मूल्य पर महुआ खरीदी का कार्य काफी कम हो रहा है। वहीं व्यवसायियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 30 रूपए किलों में ही महुआ फूल की खरीदी बिना लायसेंस के ही की जा रही है। यह जानकारी वन अमले को होने के बावजूद उनके द्वारा कोई कार्यवाही करने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। बताया गया है कि शासन के निर्देशानुसार महुआ फूल की खरीदी करने वाले व्यापारियों को जैव विविधता बोर्ड से पंजीयन कराया जाना अनिवार्य है। जिससे व्यापारी शासन द्वारा निर्धारित दर से कम मूल्य पर खरीदी न कर सके। सीधी जिले में शासन की यह व्यवस्था संबंधित अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते कागजों में ही सिमटकर रह गई है।
इनका कहना है
वन विभाग के माध्यम से महुआ खरीदी का समर्थन मूल्य 35 रूपये निर्धारित है। जबकि बाजार क्षेत्र में इससे ज्यादा दामों में महुआ की खरीदी हो रही है। इस वजह से वन समितियों के माध्यम से महुआ की खरीदी नहीं की जा रही है। यदि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित समर्थन मूल्य 35 रूपये से कम दामों में खरीदी हो रही है तो संबंधित क्षेत्र की जानकारी संज्ञान में आने पर हम निश्चित ही उस पर कार्यवाई करेंगे।
प्रीती अहिरवार डीएफओ, वन मंडल सीधी