सतना चोरी के संदेह पर हत्या करने के अपराध में अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश सुधीर मिश्रा की अदालत ने आरोपी राजेन्द्र मल्लाह पिता हेमराज मल्लाह 20 निवासी सतधार सोहावल को जिले के चिन्हित सनसनीखेज प्रकरण में आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह ने अभियोजन का संचालन किया तथा मामले की विवेचना एसआई रूपेन्द्र राजपूत द्वारा की गई।
इस संबंध में अभियोजन प्रवक्ता ने बताया कि 13 जुलाई 2023 को मृतक बाबूलाल उर्फ लूलू केवट अपने घर से दिन के करीब 11.30 बजे अपनी मोटर साइकल से रैगांव मोड़ की तरफ निकला था। उक्त दिनांक को शाम लगभग 7.30 बजे चुनकी उर्फ ओम प्रकाश की सतना- पन्ना रोड स्थित चाय की दुकान पर आरोपी राजेन्द्र मल्लाह एवं मृतक बाबूलाल केवट तथा हजारीलाल, लक्ष्मण केवट, राकेश केवट और राजेन्द्र केवट ने चाय पिया। चाय पीते समय आरोपी राजेन्द्र मल्लाह अपराध में प्रयुक्त कुल्हाड़ी लिये था एवं एक मटमैले रंग का गमछा भी लगाये हुए था।
चाय पीने के बाद मृतक एवं आरोपी सहित सभी व्यक्ति वहां से चले गये। मृतक सतधार जाने वाले रास्ते की तरफ चला गया तथा आरोपी भी मृतक के पीछे सतधार जाने वाले रास्ते की तरफ गया। रात्रि लगभग 12 बजे रवि सिंह बघेल अपने खेत में काम करने वाले कुंजी केवट को काम करने के लिये बुलाने जा रहा था जब वह शहीद बाबा क्रबिस्तान के पास पहुंचा तो उसने देखा कि रास्ते में एक व्यक्ति खून से लथपथ मरा पड़ा है तथा उसने गांव वालों को बुलाया तथा पुलिस को भी फोन किया। मृतक के शव के पास एक गमछा पड़ा था, बाद में उस गमछे की पहचान अभियुक्त राजेन्द्र मल्लाह के गमछे के रूप में हुई तथा पुलिस ने अभियुक्त को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किया तो उसने अपने अपराध में प्रयोग की गई कुल्हाड़ी एवं घटना के समय उसके द्वारा पहने गये कपड़े जिसमें खून लगा था को जप्त कराया।
पुलिस ने विवेचना करने के उपरान्त आरोपी के विरुद्ध भादंसं 1860 की धारा 302 में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। मामले में प्रत्यक्षदर्शी साक्षी नहीं थे, सम्पूर्ण मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था। अतः अभियोजन ने सम्पूर्ण मामले की परिस्थतियों को जोड़कर एक मजबूत कड़ी बनाने के लिये कुल 21 अभियोजन साक्षियों की साक्ष्य न्यायालय में कराई तथा 3। दस्तावेजों एवं 29 वस्तुओं को न्यायालय में प्रस्तुत कराया जिससे परिस्थितियों की मजबूत कड़ी तैयार हुई जिस पर न्यायालय ने विश्वास करते हुए अभियुक्त को दंडित किया।