केंद्र की मोदी सरकार द्वारा यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम की शुरुआत के बाद देश में कर्मचारी संगठनों की तरफ से 2 तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. कुछ संगठनों ने यूपीएस का स्वागत किया है और इसे ओपीएस बताया है, लेकिन कुछ अभी भी ओपीएस की मांग पर कायम हैं। इस बीच मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने भी केंद्र सरकार से ओपीएस लागू करने की मांग की है. कर्मचारियों का तर्क है कि यूपीएस में एनपीएस का घाटा कम हुआ है लेकिन ख़त्म नहीं हुआ है, इसलिए ओपीएस लागू किया जाना चाहिए.
बता दें कि मोदी कैबिनेट ने यूपीएस को अप्रैल 2025 से लागू कर दिया है। इसका लाभ एनपीएस के तहत उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा जो रिटायर हो चुके हैं और 31 मार्च 2025 को रिटायर हो रहे हैं। यूपीएस पेंशन योजना 2004 से एनपीएस के साथ ही चलेगी यानी पेंशन के लिए दो विकल्प होंगे, जिनमें से एक को चुनना होगा। इससे केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसे लागू करने के बाद 16 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
यूपीएस में एनपीएस का घाटा कम हुआ है लेकिन समाप्त नहीं हुआ है
तृतीयक वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमा शंकर तिवारी ने कहा कि यूपीएस लागू होने से एनपीएस का घाटा तो कम हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ है। हम इस बात का स्वागत करते हैं कि केंद्र सरकार ने यूपीएस के माध्यम से एनपीएस में समस्या को कम कर दिया है, लेकिन केंद्र सरकार को 2005 से पहले लागू ओपीएस को ही लागू करना चाहिए। केंद्र द्वारा लागू यूपीएस को राज्य सरकारें किस रूप में लागू करेंगी, यह आने वाले दिनों में सामने आएगा।
पीएम से मांग- पूरे देश में OPS लागू करें
जब केंद्र सरकार द्वारा 18.50% अंशदान दिया जाएगा और यूपीएस में कई लाभ दिए जा रहे हैं तो ओपीएस को सीधे लागू किया जाना चाहिए, इससे देश के कर्मचारियों की एक बड़ी मांग पूरी होगी। यूपीएस के आने के बाद अब विभागों में तीन पेंशन योजनाएं लागू होंगी, इसलिए ओपीएस, एनपीएस और यूपीएस कर्मचारियों के लिए बड़ी उलझन होगी। देश के प्रधानमंत्री से मांग है कि ओपीएस पूरे देश में लागू हो और इसकी गारंटी मोदी की हो.
यूपीएस एनपीएस और ओपीएस के बीच अंतर जानें
UPS में क्या क्या मिलेगा : 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50%। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अवधि तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगा। कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60%।न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह। सैन्य कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान, सेवा के प्रत्येक पूर्ण 6 महीने के लिए, सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा।
OPS में क्या क्या मिलेगा : सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और DA की आधी रकम बतौर पेंशन ।हर साल दो बार DA का लाभ ।सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन । रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी।GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।
NPS में क्या क्या मिलेगा : सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10% देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है। रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।DA) लागू नहीं। सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए NPS फंड का 40% निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50% पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है। रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।