साझा चूल्हा कार्यक्रम के खाद्यान में दोगुना कटौती

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सिंगरौली। जिले में संचालित साझाचूल्हा कार्यक्रम के महिला स्व सहायता समूहों को खाद्यान में दोगुना कटौती कर वितरित किया जा रहा है। वही यही हाल आंगनवाड़ी केन्द्रों का है। जहां पंजीरी वितरण में दो महीनों से भारी कटौती की जा रही है।

जिले में पिछले दो महीने से साझाचूल्हा कार्यक्रम के तहत संचालित केन्द्रों में उपस्थिति के विपरित दोगुना-तिगुना खाद्यान में कटौती कर स्व सहायता समूहों को दिया जा रहा है। जहां समूह के कर्ताधर्ता पशोपेस में फंसे हुये हैं। यह इस तरह की गड़बड़ी चितरंगी विकास खण्ड क्षेत्र में सबसे ज्यादा सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि उक्त विकास खण्ड के आंगनवाड़ी केन्द्र क्रामंक 2 एवं 3 में रोजाना उपस्थिति 30-30 मिलाकर 60 भेजी जा रही है और उसके स्थान पर मात्र 46 किलो खाद्यान में गेहॅू व 12 किलो चावल उपलब्ध कराया गया है।

इसी तरह आंगनवाड़ी केन्द्रों में दो महीने से पौष्टिक आहार में पंजीरी दो बोरी ही 35-40 गर्भवती धात्री महिलाओं के बीच वितरित करने के लिए मुहैया कराया गया है। जबकि राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक गर्भवती धात्री महिलाओं को प्रत्येक मंगलवार को एक-एक पैकेट पौष्टिक पंजीरी देने का निर्देश है। इसके बावजूद आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीरी के वितरण में भी भारी कटौती आईसीडीएस के आलाधिकारियों के द्वारा की जा रही है। सूत्र बता रहे हैं कि पौष्टिक आहार पंजीरी के वितरण में भारी खेला किया जा रहा है। सप्लायर से ही कम मात्रा में उठाव कर आंगनवाड़ी केन्द्रों के कार्यकर्ताओं को मुहैया कराया जा रहा है।

आरोप है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के आलाधिकारी सुनियोजित तरीके से पौष्टिक आहार वितरण में व्यापक खेला कर रहे हैं। इस बार उक्त विभाग के आलाधिकारी लूटखसोट एवं गड़बड़ी करने का तरीका बदला है। ताकि ज्यादा शोर भी न हो और बड़ा खेला भी हो जाए। चर्चाएं हैं कि इस खेल में सिंगरौली से लेकर भोपाल तक के सरकार के नुमांईदे गुणा-गणित किया है। हालांकि इसकी जांच के बाद ही खाद्यान कटौती के वजह का असलियत का पता चल पाएगा।

कौन बोल रहा है सच, जांच के बाद ही चलेगा पता

जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास सिंगरौली ने कहा है कि पंजीरी वितरण में किसी प्रकार की कटौती नही की जा रही है। पिछले माह जितनी उपस्थिति है। उसी के आधार पर आवंटन होता है। फिर सवाल उठ रहा है कि पौष्टिक आहार पंजीरी वितरण की कटौती कहां से हो रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को खाद्यान में कटौती कर पंजीरी कम मात्रा में क्यो दी जा रही है। इसके पीछे असली रहस्य क्या है? कौन झूठ और कौन सच बोल रहा है। यह तो जांच का विषय है। निष्पक्ष जांच के बाद ही असलियत सामने आएगी। यहां बतातें चले की आईसीडीएस के डीपीओ राजेश राम गुप्ता अपने कार्यप्रणालियों को आये दिन चर्चाओं में बने रहते हैं। इनके एक नही अनेक कारनामें हैं। जिसके बारे में ईओडब्ल्यू समेत जिले के अधिकारियों को भी भलीभांति बिन्दुवार पता है। फिर भी डीपीओ पर इतनी मेहरवानी समझ से परे मान रहे हैं।

इनका कहना:-

जितनी उपस्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। उसी हिसाब से खाद्यान का आवंटन होता है। मैंपिंग कराने का काम भी आईसीडीएस का है। फिर भी शिकायत मिलने पर मिलान कर जांच कराया जाएगा। की आखिर खाद्यान कटौती क्यो हो रही है।

पीसी चन्द्रवंशी

जिला खाद्य अधिकारी, सिंगरौली

 इनका कहना:-

पिछले माह के उपस्थिति के आधार पर आवंटन होता है। पंजीरी वितरण में कोई कटौती नही की गई है। सब ऑनलाईन है। फूड ऑफिसर ही बता पाएंगे की खाद्यान में कटौती क्यो की गई है। डब्ल्यूसी के द्वारा कोई कटौती नही की गई है। दर्ज हितग्राही अनुसार फूड मिलता है।

राजेश राम गुप्ता

डीपीओ, आईसीडीएस सिंगरौली

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