सीबीआई की 22 सदस्यी टीम ने एनसीएल के सुरक्षा अधिकारी बसंत कुमार सिंह व एनसीएल सीएमडी के प्रबंध सचिव सुबेदार ओझा एवं एनसीएल के सप्लायर रवि सिंह के आवास पर रात में करीब एक बजे तीनो जगह एक साथ छापा मारकर विभिन्न दस्तावेजो को खंगालने के बाद तीनो को हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के अनुसार एनसीएल सीएमडी बी साईराम के प्रबंध सचिव सुबेदार ओझा के आवास क्रमांक सी-2 पर सीबीआई टीम रात में करीब 1 बजे छापा मारकर पूछताछ कर विभिन्न दस्तावेज को खंगालते हुए 3 करोड़ो 86 लाख रूपये की नगदी बरामद की है। वहीं एनसीएल के एचओडी सुरक्षा अधिकारी बसंत कुमार सिंह के आवास डी-6 पर भी सीबीआई टीम करीब 1 बजे रात में छापा मारकर पूछताछ एवं दस्तावेज खंगालने के बाद अपने हिरासत में ले लिया है। जबकि एनसीएल के ठेकेदार रवि सिंह के विंध्यनगर स्थित घर पर छापा मारकर पूछताछ करने के बाद कार्यवाही पूर्ण होने पर पुरे दिन वैढ़न कोतवाली में रखने के बाद रात में सीबीआई ने हिरासत में ले लिया है। 16 घंटे तक चली कार्यवाही के दौरान सीबीआई की 22 सदस्यीय टीम ने अपने साथ वैढ़न पुलिस को लेकर जिसमें महिला पुलिस भी साथ में लेकर आधी रात कार्यवाही शुरू की।
सीबीआई टीम कार्यवाही के संबंध में मीडिया से बातचीत करने से कतराते रह
कार्यवाही के संबंध में बार बार पूछने पर पत्रकारो के सामने सीबीआई ने अपना मुह नही खोला। अधिकारियों के आवासो में सायं 4 बजे तक कार्यवाही पूर्ण करने के बाद दोनो अधिकारियों को उनके कार्यालय में ले जाकर करीब 2 घंटे तक पूछताछ करने के बाद सायं 6 बजे दोनो अधिकारियों को सीबीआई द्वारा हिरासत में ले लिया गया। सीबीआई के इस कार्यवाही से एनसीएल के अधिकारियों में पुरे दिन हड़कम्प की स्थित बनी रही। एनसीएल के कई अधिकारी आगे की की अपडेट जानने को बेताब रहे। सूत्रो की माने तो सीबीआई टीम जब सीएमडी के प्रबंध सचिस सुबेदार ओझा के घर आधी रात जब पहुंची तो वे घर नही खोल रहे बल्कि अपने घर में रखे नगदी कैश पड़ोसी के आंगन एवं घर के पीछे फेंक रहे थे, जिस पर सीबीआई एवं पुलिस की नजर पड़ते ही सारी रकम बरामद टीम ने बरामद कर लिया है।
पुराने मामले की जांच में सीबीआई ने दी दस्तक
जानकार सूत्रो की माने तो एनसीएल प्रबंधन की शिकायत पूर्व में सीबीआई जबलपुर से की गई थी। जिस मामले की जांच जबलपुर सीबीआई के एक डीएसपी रैंक के अधिकारी जॉय जोसफ डामले को सौंप गई। इधर डीएसपी ने मामले को दबाने के लिए 5 लाख के रिश्वत की डिमांड रखी तो उधर एनसीएल अधिकारी एवं सीबीआई डीएसपी के बीच की कड़ी बनकर बिजोलिये का काम रवि सिंह ने किया। सूत्र बताते हैं कि जैसे ही 5 लाख की रिश्वत डीएसपी के पास पहुंची तो सीबीआई के आला अधिकारियों ने अपने ही डीएसपी समेत रिश्वत देते हुए एनसीएल के ईएनटी विभाग के दिवेश सिंह को ट्रैप कर लिया। जिससे कड़ी पूछताछ के बाद इन संबंधित तीन अधिकारियों का नाम पता चला था। सूत्रों की मानें तो 15 दिन पहले टीम वैढ़न के एक होटल में रूककर रेकी करने के बाद कल देर रात इस कार्यवाही को अंजाम दिया।
पूर्व सीएमडी का खास रहा है रवि
बहुत कम समय में एनसीएल में कार्यों द्वारा अपना नाम कमाने वाले रवि सिंह को पूर्व सीएमडी पी के सिन्हा का खास बताया जाता है। आज की पड़ी रेड के बाद एनसीएल अधिकारियों से यह बात निकाल कर सामने आई की अपना काम निकलवाने के लिए रवि सिंह एनसीएल अधिकारियों को हर तरह से खुश करने में जुटा रहता था। इतना ही नहीं सीबीआई के पूर्व कई मामलों में मध्यस्थता करने में भी रवि की भूमिका रहती थी। बताया जाता है कल देर रात जब रवि सिंह की आवास पर सीबीआई की टीम ने छापा मारा तो वहां से भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सीबीआई की टीम के हाथ लगे। कार्यवाही के दौरान रवि ने भागने की भी कोशिश की जिसके बाद रवि को गिरफ्तार कर कोतवाली में बैठा दिया गया। जहां दोपहर उसका ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद उसे ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। इलाज के बाद उसे पुनः कोतवाली में रखा गया जहां सीबीआई की टीम देर शाम उसे अपनी हिरासत में लेकर निकल गई।
ओझा ने मामले को सलटाने के लिए 2 करोड का दिया ऑफर
सूत्रो की माने तो प्रबंध सचिव सुबेदार ओझा ने सीबीआई टीम को मामले को सलटाने के लिए 2 करोड़ रुपए देने का आफॅर दिया था, लेकिन टीम पैसा लेने इंकार करते हुए कार्यवाही करने में लगी रही।
मामले के डिस्पूट होने पर हो रही कार्यवाही
सीबीआई टीम जब एनसीएल सुरक्षा अधिकारी को हिरासत में ले जा रही थी, उस समय कर्नल बसंत कुमार सिंह ने बताया कि किसी मामले के डिस्पूट होने पर सीबीआई मामले की जांच एवं पूछताछ कर रही है।
तीनों को कल सीबीआई की विशेष अदालत में किया जा सकता है पेश
सीबीआई की कार्यवाही के बाद तीनों को हिरासत में ले लिया गया जहां से संभवत देर रात सीबीआई की टीम जबलपुर के लिए रवाना हो जाएगी। वहां पहुंचकर तीनों को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई की इस रेड के बाद एनसीएल के कई अधिकारियों की जान हलक पर आ गई है।
सीबीआई की गोपनीयता से संशय बरकरार
सीबीआई की टीम ने अपनी पूरी कार्यवाही के दौरान एवं बाद में पत्रकारों समेत किसी को कोई भी जानकारी नहीं दी। जिसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पूरे घटनाक्रम के बाद यह बात भी सामने निकल कर आ रही है एनसीएल में 550 करोड़ के स्पेयर पार्ट्स घोटाले की शिकायत को लेकर इस पूरी कार्यवाही को अंजाम दिया गया है। और यह शिकायत वर्तमान सीएमडी बी साईंराम द्वारा दर्ज कराई गई है। सूत्रों की माने तो सीबीआई के डीएसपी डामले समेत उन्ही के विभाग के कुछ अधिकारियों के नाम भी इस पूरे मामले में शामिल होने के कारण 22 सदस्य टीम जबलपुर से नहीं बल्कि दिल्ली से आ धमकी थी, जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर विकास रनौत कर रहे थे। जिनके द्वारा इस पूरे घटनाक्रम में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, 7 ए, 8 और पीसी एक्ट 1988 सहित भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 61 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वही तीनों को कल तक की डिमांड पर लेकर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।