सिंगरौली। municipal corporation सिंगरौली के शिवाजी काम्पलेक्स में पाईप लाईन बिछाने में फर्जी बिल पर 38 लाख रूपये के भुगतान के मामले में ननि आयुक्त ने बड़ी कार्यवाही की है। municipal corporation सिंगरौली में काफी अरसे से स्टोर में गड़बड़ी किए जाने को लेकर पार्षदों ने परिषद में मुद्दा उठाते हुए जमकर बवाल किया था वही सत्ता एवं विपक्ष के पार्षदों ने 11 मार्च को आयोजित परिषद बैठक में जोर-जोर से मुद्दा उठाया था। जहां जांच के बाद आयुक्त ने बड़ी कार्यवाही करते हुए उप यंत्री पीके सिंह और दिनेश तिवारी, और प्रभारी उपयंत्री अनुज सिंह से स्टोर का प्रभार छीन लिया है। आयुक्त की इस कार्यवाही से नगर निगम कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
गौरतलब है कि परिषद बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने सेंट्रल स्टोर से शिवाजी काम्पलेक्स नवजीवन विहार में पाइप लाइन कार्य में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे। जहां शिकायत के बाद नगर निगम कमिश्नर ने हुई शिकायतों की जांच का कार्य पूर्ण होने तक स्टोर प्रभारी पीके सिंह, प्रभारी सहायक यंत्री स्टोर दिनेश तिवारी एवं प्रभारी उपयंत्री अनुज सिंह को स्टोर के कार्य से पृथक कर दिया है वहीं दिनेश तिवारी, प्रभारी सहायक यंत्री को जांच समिति से भी हटा दिया है।
नगर निगम शिवाजी कांप्लेक्स में पाइप लाइन बिछाने को लेकर किए गए फर्जी बिल व भुगतान को लेकर नगर निगम अध्यक्ष के साथ सभी पार्षदों ने आयुक्त नगर निगम को पत्र सौंपकर इस मामले में संलिप्त सभी अधिकारयों एवं संविदाकार के ऊपर वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की थी जिसपर आयुक्त के साथ अध्यक्ष एवं पार्षदों ने स्थल पर जाकर निरीक्षण किया तो आयुक्त द्वारा कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था।
ज्ञात हो कि उक्त संविदाकार द्वारा पूर्व में भी नगर निगम में किए गए निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता बरती गई है, चाहे वो बिलोंजी चौराहे से एस्सार टाऊन तक डामरीकरण हो, हॉस्पिटल ट्रामा सेन्टर के पीछे से लेकर सत्या इंटरनेशनल तक नाला निर्माण हो या सामुदायिक भवन का साज-सज्जा निर्माण कार्य हो, इन सभी कार्यों में संविदाकार द्वारा व्यापक रूप से अनियमितता बरती गई है।