मां-पिता की जिद्द में जवान रूपेश को दी गई तिरंगे के साथ सशस्त्र सलामी

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सतना/मैहर, माँ पिता की जिद के बीच शहीद की तरह हुआ सी ए एफ के जवान रूपेश पटेल का अंतिम संस्कार. इस मामले में मैहर कलेक्टर रानी बाटड का प्रयास काफी सहयोगी रहा. शहीद घोषित किए जाने की मांग पर अड़े परिजनों ने हाईवे को जाम कर हंगामे की स्थिति पैदा कर दी थी. बाद में तिरंगे पर लिटाकर शस्त्र सलामी दी गई.

इसके अंतिम संस्कार हुआ. बाद गुरुवार की दोपहर 2 बजे के आस पास स्वर्गीय रूपेश पटेल का पार्थिव शरीर एंबुलेंस के माध्यम से ग्रह ग्राम पोड़ी मैहर पहुंचा जहा पिता राम कृपाल पटेल और पल्ली सुलोचना पटेल सहित पारिवारिक एवं सामाजिक लोग आखरी दर्शन हेतु इंतजार कर रहे थे।

तो वही दूसरी तरफ परिजन और रूपेश को चाहने बाले अमर शहीद का दर्जा दिलाने की मान हो लेकर नेशनल हाइवे को जाम करते हुए मुख्य मार्ग पर धरना दे कर बैठ गए और शासन प्रशासन से मांग करने लगे और जब तक मांग पूरी नहीं की जायेगी तब तक शब का अंतिम संस्कार नही करने की जिद में अड़े रहे यह कार्यक्रम घंटो तक चलता रहा हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे.

शहीद का दर्जा नहीं मिल सकता क्योंकि नियम से विपरीत है और जहा तक परिवार जन एवं बच्चो के पालन पोषण के लिए शासन द्वारा लाभ दिलाने की बात कही गई. कलेक्टर की बातो को मानते हुए पिता और भाई तत्काल अंतिम संस्कार की तैयारिया सुरू की गई शव को शहीद व्यक्ति के तर्ज पर तिरंगे के साथ पुलिस जवानों ने सालामी देकर स्वर्गीय रूपेश को अंतिम बिदाई दी

कलेक्टर की समझाईश रही कारगर

लगातार प्रशासनिक अधिकारी एवं और जनप्रतिनिधि मानने की कोशिश के बावजूद लोग जिद पर अड़े रहे जिसके बाद परिजनों ने मैहर कलेक्टर से मिलने की बात कही जिसके बाद तत्काल कलेक्टर रानी बाटड मौके पर पहुंची और कलेक्टर ने पिता रामकृपाल पत्नी सुलोचना और भाई रुस्तम पटेल (आरपीएफ जवान) से बात की जिसके बाद सभी लोगो मांगों के आधार कलेक्टर ने कहा की सब से पहला कर्तव्य है की पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाना जरूरी है।

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