सीधी आंगनबाड़ी । महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा अपने विभिन्न मांगों को लेकर रैली निकाली गई एवं मागों से संबंधित मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिलाध्यक्ष रानी द्विवेदी के मार्गदर्शन में जिला कलेक्टर को सौंपा गया है।
बताया गया कि सौंपे गए ज्ञापन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की न्यूनतम वेतन कम से कम 24000 रुपए प्रतिमाह एवं सेवानिवृत्ति पर 10000 पेंशन का प्रावधान निर्धारित किया जाए। इसके अलावा आंगनबाड़ी सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के कार्यकर्ताओं का भी मानदेय बहुत कम है जिसे बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा विभागीय सुविधाओं में रजिस्टर या मोबाइल डाटा फीड का कार्य कराया जा रहा है जिसमें एक ही कार्य कराया जाए।
बताया गया कि अन्य विभागों को शासन द्वारा बेहतर लाभ प्रदान किया जा रहा है जिसके तहत कार्यरत अधिकारी कर्मचारी भी लाभान्वित हो रहे हैं किन्तु महिला बाल विकास के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकतां उपेक्षा का शिकार हो रही है। काफी समय से विभाग में पूरी तन्मयता से कार्य करने के चाद भी शासन द्वार ध्यान नहीं दिया गया है।
चुनाव के समय जो भी आश्वासन दिया जाता है उसका पालन नहीं किया जाता है जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है। वर्तमान समय में 200 से 303 आबादी वाले राजस्व गांव में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं जबकि मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन 1000 जनसंख्या वाले गांवों में किया जा रहा है। जिसमें संशोधन करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा अन्य विभाग के कार्यों में भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लगाया जाता है जिससे केन्द्रों के संचालन एवं अन्य व्यवस्थाओं में काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में शासन-प्रशासन को महिला बाल विकास विभाग के तहत ही जो कार्य हैं उन्हें कार्यकर्ताओं से कराया जाए जिससे कि कार्य का बोझ भी ना पड़े।
ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला अध्यक्ष रानी द्विवेदी, अनीता सिंह चौहान जिला सचिव, कुसुम सिंह परिहार कोषाध्यक्ष, मुन्नी द्विवेदी, मधु जायसवाल, अरुणा जायसवाल, मीरा सिंह, डाली सिंह, प्रतिभा सिंह, अजू सिंह, ज्योत्सना सिंह, ममता वैश्य, रेनू सिंह, विजयलक्ष्मी, आशा सिंह, सुनीता जायसवाल, जागवती, सीमा सिंह, रमा सिंह, प्रियंका मिश्रा सहित काफी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका व मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रही।