सीधी। दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सीधी के न्यायालय के प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश जिला सीधी की न्यायालय द्वारा 10 वर्ष की सजा एवं 7000 रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।
बताया गया कि 07.06.2021 को सूचनाकर्ता प्यारेलाल सिंह ने पुलिस चौकी मड़वास में इस आशय की सूचना दर्ज करवाई कि उक्त दिनांक को वह नित्यक्रिया हेतु तालाब तरफ गया था जहां पानी छूने पर उसे कपड़ा दिखायी दिया तथा पास जाने पर सिर के बाल का जूड़ा दिखायी दिया। तब उसने आसपास के लोगों को एवं रामप्रताप को भी सूचना दी, क्योंकि रामप्रताप की पत्नी 05.06.2021 से गायब थी। रामप्रताप ने पहचाना कि कपड़ा उसकी पत्नी का है। उक्त सूचना पर देहाती मर्ग इंटीमेशन कायम की गयी तथा उक्त
मर्ग इंटीमेशन के आधार पर थाना मझौली
में आकस्मिक एवं अकाल मृत्यु की सूचना क्रमांक 77/21 लेखबद्ध की गयी व जांच प्रारंभ की गयी। जांच के दौरान पाया गया कि मृतिका लक्ष्मी सिंह गोंड का आरोपी रामप्रताप से वर्ष 2018 में विवाह हुआ था तथा विवाह के 6 माह बाद से आरोपी मृतिका से दहेज में मोटर सायकल व सोने की अंगूठी की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट कर उसे प्रताड़ित करता था। जिस कारण दहेज की मांग से प्रताड़ित होकर मृतिका ने तालाब में कूदकर आत्महत्या कर ली। उक्त विवेचना के आधार पर पुलिस थाना मझौली जिला सीधी में अपराध क्रमांक 631/21 अंतर्गत धारा 498ए, 304बी भादवि एवं 3/4 दहेज प्रतिशेध अधिनियम पंजीबद्ध किया गया एवं विवेचना उपरांत अभियोग पत्र सत्र न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसके न्यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 95/21 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए अपर लोक अभियोजक रमाशंकर दुबे द्वारा मामला संदेह से परे प्रमाणित कराया गया।