मध्य प्रदेश

Singrauli News: सुपारी देकर बहन ने अपने भाई भैयालाल सिंह की कराई थी गला घोट कर हत्या

लंघाडोल पुलिस ने अंधी हत्या गुत्थी का सुलझाने का किया दावा, तीनों आरोपी गिरफ्तार, गला घोट कर की गई थी हत्या

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सिंगरौली। गोपद नदी के किनारे ताल गांव में एक जुट के बोरे में अज्ञात शव 12 जुलाई को मिला था। जहां लंघाडोल पुलिस ने अज्ञात शव का शिनाख्त कराते हुये जांच पड़ताल शुरू कर दी। जहां मृतक की पहचान भैयालाल सिंह उर्फ लालबहादुर निवासी मुर्किल छग. के रूप में की गई। मृतक की मौत गला घोट कर किये जाने की पुष्टि हुई है।

 

देवसर एसडीओपी गायत्री तिवारी ने उक्त सनसनीखेज अंधी हत्या गुत्थी का खुलासा करते हुये मीडिया कर्मियों को बताया कि मृतक शव की शिनाख्त छत्तीसगढ़ प्रांत के ग्राम मुर्किल थाना कोटाडोल के शिवप्रताप सिंह गोड़ उम्र 32 वर्ष ने किया और लंघाडोल पुलिस को बताया कि मृतक भैयालाल सिंह उर्फ लालबहादुर सिंह निवासी मुर्किल की है और उसकी हत्या का शक उसी की बहन फूलमति सिंह उर्फ करियालाटी पर संदेह व्यक्त किया। इसी आधार पर लंघाडोल थाना प्रभारी उपनिरीक्षक पुष्पेन्द्र धुर्वे पुलिस टीम के साथ मृतक के घर पहुंच आस पड़ोस से पूछतांछ किया।

Singrauli News: सुपारी देकर बहन ने अपने भाई भैयालाल सिंह की कराई थी गला घोट कर हत्या

जहां पता चला कि 8 जुलाई से भैयालाल एवं एक सप्ताह पूर्व उसी के घर से दो ने दो व्यक्ति उसी दिन से लापता थे। एसडीओपी ने आगे बताया कि इस संबंध में मृतक के बहन से पूछतांछ की गई। पहले तो उसने साफ तौर पर मना कर दिया और जब सख्ती के साथ पूछतांछ की गई तो फूलमति ने बताया कि मृतक गांजा व शराब पीने का आदि था और आये दिन नशे में अपनी बहन के साथ विवाद कर मारपीट करते हुये माँ का हाथ तोड़ दिया था और नशे के चलते अपनी बहन फूलमति को भी परेशान करता था। ऐसी स्थिति में बहन ने अपने भाई को मारने के लिए दो अन्य व्यक्ति कैलाश सिंह एवं भूपत सिंह निवासी रोकड़ छग. प्रांत को पैसा देकर हायर की। जहां उक्त आरोपी 3 से 8 जुलाई तक मृतक के घर रूके थे 18 जुलाई के दोपहर में मृतक को खुब शराब पिलाकर बेसूध कर दिया और इसके बाद आरोपियों ने मिलकर गला घोट कर हत्या करते हुये शव को बोरे में भरकर रात में मोटरसाइकिल के सहारे गोपद नदी में फेंक दिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश की है। उक्त कार्रवाई में थाना प्रभारी पुष्पेन्द्र धुर्वे, एएसआई विश्वनाथ रावत, नन्द कुमार सिंह, महिला एएसआई संतोषी सिंह सहित अन्य का योगदान सराहनीय रहा।

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