सिंगरौली।। Municipal council सिंगरौली में भ्रष्टाचार का पहाड़ खड़ा हो गया है भ्रष्टाचार तात्कालिक कमिश्नर सत्येंद्र सिंह धाकड़ के समय सर चढ़कर बोल रहा था जब से डीके शर्मा नए कमिश्नर आए हैं लगा कि एक ईमानदार एवं साफ छवि के कमिश्नर सिंगरौली को मिला है लेकिन दलालों के इशारे पर तात्कालिक कमिश्नर सतेंद्र सिंह धाकड़े के रवैया पर वर्तमान कमिश्नर डीके शर्मा भी कार्य करने लगे हैं जानकारी के मुताबिक दलाल ठेकेदार के इशारे पर शिवाजी कांप्लेक्स में पाइप लाइन संबंधित फर्जी कार्य का फर्ज बिल बनाकर लगभग 38 लाख रुपए पास करा लिया गया। कमिश्नर को इस बात की पूरी जानकारी थी कि यह पूर्ण बिल फर्जी है। फिर भी कमिश्नर ने दलालों एवं निजी स्वार्थ एवं कमीशन के आगे बिल को पास करा दिया।
Municipal council कमिश्नर की कई लापरवाही, अधिकारियों को पर लगा देते हैं आरोप
Municipal council सिंगरौली में लोकायुक्त के अपराधियों को संरक्षण देने वाले वहीं स्टोर में करोड़ों का बंदरबाट एवं घोटाला करने वाले जांच को दबाने का प्रयास दलाल ठेकेदारों के इशारे प्रकार कमिश्नर कर रहे हैं। कमिश्नर से अगर कोई सवाल पूछा जाए या उनसे मिलने का प्रयास किया जाए तो गोल-गोल जवाब देते हैं और मिलने से दूर भागते हैं। सरकार ने सिंगरौली के क्षेत्र की विकास एवं नगर निगम के नागरिकों की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिले में भेजा गया है लेकिन सिंगरौली की खजाने को देखते हुए कमिश्नर एवं दलालों के गिरप्त में आकर कमिश्नर ने भी अपनी आपा खो दिया है।
नगर निगम कमिश्नर स्टोर शाखा के अधिकारियों को बचाने को लेकर दलालों के इशारे कार्य करने लगे हैं वैसे नगर निगम में भ्रष्टाचार का मुख्य कारण अधिकारियों का दलालों के इशारे पर कार्य करना और कमिश्नर के कमीशन के आगे मजबूरन भ्रष्टाचार करना पड़ता है। स्वच्छता स्टोर में करोड़ों के घोटाले की गुहार पूरे सिंगरौली में सुनाई दे रही है लेकिन कमिश्नर पल्ला झाड़ते हुए अधिकारियों पर ठिकरा फोड़ दे रहे हैं कि अभी तक जांच मुझे सौंपा नहीं गया है। सूत्र बताते हैं कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों का कमिश्नर को पता चल गया है और कमिश्नर अपने साठ गांठ बनाने के लिए गोल जवाब दे रहे हैं। चर्चाहै वही कमिश्नर अब दलालों ठेकेदारों के इस सारे प्रकार करके मोटी रकम लेने की तैयार में चल रहे है ।
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