सिंगरौली । जिले में इन दिनों कहीं-कहीं पंचायत में व्यापक भ्रष्ट्राचार देखने को मिलता है तो कहीं रोजगार सहायक एवं सचिव की लापरवाही से ग्राम पंचायत में योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है। आलम यह है कि मजदूरों से ग्राम पंचायत काम तो करा लेता हैं, लेकिन उनके मजदूरी देने में मजदूरों को दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर देता है।
ऐसा ही मामला जिले के देवसर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत क्षेत्र गन्नई से सामने आया। जहां लोस चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रथम मंगलवार को जनसुनवाई में सैकड़ो मजदूर, महिलाओं समेत सरपंच व आधा दर्जन पंच मजदूरी दिलाने को लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे। शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि फूलचंद कुशवाहा के घर से शिवपाल सिंह के घर तक नाली निर्माण, पुलिया निर्माण हरिजन बस्ती पंचू साकेत के घर के पास, चेक डेम निर्माण, गन्नई सुरेश यादव के घर के पास पुलिया निर्माण,्र इन चार कार्यों में थोड़ा बहुत रकम नाम मात्र का निकाल गया है।
सरपंच के द्वारा शेष मटेरियल उधार के रूप में वेंडर से लेकर काम कराया गया है। रही बात जो निर्माण कार्य में मजदूरों के द्वारा सारा काम किया गया है। जिसकी मजदूरी दो काम का मानदेय मनरेगा के तहत और दो काम का 15वां वित्त आयोग के राशि से भुगतान होना है। सचिव तुलसीराम यादव के द्वारा एक भी मस्टर रोल नहीं लगाया गया है। इनके पास दोनों प्रभार सचिव तथा रोजगार सहायक का है। वेडरों का भुगतान न होने का कारण सचिव द्वारा वेंडर से 2 लाख की मांग की जा रही है न देने के कारण भुगतान नहीं किया जा रहा है। मजदूर मजदूरी मांगते हैं तो साहब बोलते है मैं एक भी मस्टर रोल जारी नहीं करूंगा तथा नहीं किसी प्रकार का कोई पेमेंट कराऊंगा जिसको जहां शिकायत करना हो कर दो मैं किसी को नहीं डरता हूं।
इसके अलावा अन्य कई आरोप लगाये गये। शिकायतकर्ताओं में सरपंच देवकी प्रजापति, पंच रावेंद्र साकेत, बुद्ध लाल सिंह, मुन्नीलाल साकेत, कृष्ण कुमार बैस, राजेश अगरिया, धनुकधारी सिंह, कैलाश पनिका, रामखेलावन सिंह, मजदूर में हिंछ लाल साकेत, वंश बहादुर सिंह, छोटेलाल, रामदेव यादव, सुरेश प्रजापति, फूल कुमारी, पार्वती, जुगंती, फूलमती,केशकली समेत दर्जनों श्रमिकों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि हम लोगों की मजदूरी भुगतान कराये जाने एवं सचिव को अन्य पंचायत में स्थानांतरण किये जाने की मांग की है।