भारत सरकार द्वारा एनसीएल की जयंत एवं दूधीचूहा खदान के विस्तार के लिए फरवरी माह में ही धारा 9 लगा दी गई थी। इसके तुरंत बाद ड्रोन सर्वे कर यहां के निर्माण का जायजा ले लिया गया था।
इसके बाद से ग्राम मढौली, चटका, झिंनगुदह, पंजरेह एवं चुरिदाह की करीब 1485 हेक्टेयर भूमि के अधिकरण के लिए 1 जुलाई से भूमि और संपत्ति का भौतिक सर्वेक्षण एनसीएल प्रबंधन, जिला प्रशासन व टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान(TISS) की संयुक्त टीम द्वारा आरंभ किए जाने की सूचना समाचार पत्र के माध्यम से दे दी गई थी। जिसके मुताबिक आगामी 6 महीने में इन क्षेत्रों का नापी का कार्य पूर्ण किया जाना है।
अब इसे लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है। रविवार शाम सिंगरौली फल मंडी के समीप एक आम सभा कर व्यापारियों ने स्थानीय लोगों से कल से शुरू होने जा रहे सर्वे का विरोध करने की अपील की है। उनकी मांग है कि एनसीएल प्रबंधन ने उनकी 24 सूत्री मांग पत्र पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। इतना ही नहीं पुनर्वास स्थल और संपत्ति व जमीन के मुआवजे का रेट भी लोगों को नहीं बताया गया है।
ऐसे में औने पौने दाम देकर एनसीएल प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ना चाहता है। पूर्व में भी मढौली वार्ड क्रमांक 10 के विस्तार के लिए एनसीएल प्रबंधन ने ऐसा ही रुक अख्तियार किया था। जिस कारण वहां के कई लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया। सबने आम सभा के माध्यम से एनसीएल प्रबंधन को चेताया कि वार्ड क्रमांक 10 के मुआवजे को क्लियर कर आगामी समय में एनसीएल प्रबंधन मोरवा का ब्लूप्रिंट जारी करे।
इसके साथ ही जमीन एवं परिसंपत्तियों का रेट लोगों को बताएं, जिसके बाद ही यहां नापी करे। अन्यथा कल से होने वाले नापी का लोग पुरजोर विरोध करेंगे। इसके लिए उन्होंने लोगों से अपील की है कि टीम जिस किसी के घर पर भी आये वह सभी को सूचित करें। स्थानीय लोगों के रुख से अब एनसीएल प्रबंधन की राह आसान नहीं दिख रही। उक्त सभा में राजेश सिंह, भूपेंद्र गर्ग, सतीश उत्पल, संजय सिंह, नरेंद्र चंद्र सिंह, श्रद्धा जैसवाल, विनोद सिंह, शेखर सिंह, अभियुद्धय सिंह (डैनी) आदि के साथ सेकड़ो की संख्या में स्थानिय लोग मौजूद रहे।